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Joe Biden का बड़ा बयान, बोले- फिर आना चाहता हूं भारत, पूरी दुनिया में सिर्फ PM Modi ही हैं जो…

एक बार फिर से भारत आना चाहते हैं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन

अमेरिका तो क्या दुनिया का हर देश अब भारत के साथ जुड़ना चाहता है। भारत संग अपनी दोस्ती को मजबूत कर आपसी रिश्तों को मजबूत करना चाहता है। रूस और यूक्रेन युद्ध में अमेरिका कई बार बोल चुका है कि, रूस जितना गहरा संबंध उसके और भारत के बीच नहीं। लेकिन, अब वो भारत संग रिश्तों को मजबूत करने की दिशा में काम करेगा। अमेरिका ने कहना है कि, वो भारत के साथ खड़ा है। साथ ही साझेदार बनने की बात कही है। वहीं, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने भारत के साथ रिश्ते को लेकर खुलकर बात की है। वो एक बार फिर से भारत आना चाहते हैं।

जो बाइडन ने कहा कि, उनके भारत के साथ बहुत ही अच्छे संबंध हैं और इसलिए उन्होंने दो बार भारत की यात्रा भी की है। उन्होंने कहा कि, अगर दोबारा मौका मिलता है तो वे फिर से भारत जाना चाहेंगे। जो बाइडन अपने गृह राज्य डेलावेयर रवाना होने से पहले संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि मैं दो बार भारत जा चुका हूं और फिर से जाऊंगा। बाइडन ने भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों की भी सराहना की।

वहीं अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि, रूस के साथ भारत के संबंध कई दशकों में विकसित हुए हैं। यह दशकों के दौरान विकसित हुआ है, जब अमेरिका इसके लिए तैयार नहीं था या भारत सरकार के लिए पसंद का भागीदार नहीं बन पाया था। उन्होंने कहा कि लेकिन अब स्थितियां बदल चुकी हैं। भारत के साथ संबंध एक द्विदलीय परंपरा की विरासत है जो अब दो दशकों से अधिक समय से चली आ रही है। दोनों देशों का संबंध वास्तव में पूर्व राष्ट्रपति (बिल) क्लिंटन प्रशासन के साथ बढ़ना शुरू हुआ, निश्चित रूप से पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश प्रशासन में भारत के साथ अमेरिका की साझेदारी बढ़ी और वह भारत के लिए पसंद का भागीदार बनने का इच्छुक हुआ, जिसमें सुरक्षा क्षेत्र की बात भी शामिल है।

इसके आगे प्राइस ने कहा कि, यह दिनों, हफ्तों या महीनों के दौरान बनी साझेदारी नहीं है। एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि, मैंने पहले भी कहा था कि रूस के साथ भारत के संबंध कई दशकों के दौरान विकसित हुए हैं, क्योंकि कई देश मास्को के साथ अफने संबंधों को नए सिरे से विकसित कर रहे हैं। जैसा कि हमने उनमें से कई को करते देखा है। यह एक क्रमिक प्रक्रिया होगी। लेकिन इस सब के दौरान, हमने अपने भारतीय भागीदारों को स्पष्ट कर दिया है कि हम उनके साथ खड़े हैं। हम तैयार और सक्षम हैं और उनके साथ साझेदारी करने के इच्छुक हैं।