रूस और यूक्रेन (Russia-Ukraine) के बीच पिछले आठ महीने से युद्ध जारी है। इस दौरान रूस ने यूक्रेन पर मिसाइलों से कई हमले किए हैं, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों की जान चली गई। इसके अलावा, यूक्रेन की इमारतों को भी नुकसान पहुंचाया गया है। एक बड़ा हिस्सा बिना बिजली के रह रहा है। रूस ने पिछले दिनों हमलों में उस समय बढ़ोतरी कर दी थी, जब क्रीमिया को जोड़ने वाले पुल के एक हिस्से को कथित तौर पर यूक्रेन ने विस्फोट से उड़ा दिया था। उधर, अमेरिका समेत कई देश रूस के खिलाफ कड़े प्रतिबंध लगा चुके हैं।
वहीं इस बीच अब अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन बीते मंगलवार को रूस को तगड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन के साथ संघर्ष में परमाणु हथियारों का इस्तेमाल एक बहुत बड़ी गलती होगी। बाइडन की यह खुली चेतावनी यकीनन रूसी राष्ट्रपति पुतिन को पसंद नहीं आएगी। बाइडन प्रशासन ने पहले कहा था कि रूस ने नोटिस दिया है कि उसका अपनी परमाणु क्षमताओं का नियमित अभ्यास करने का इरादा है। इससे पहले, यूक्रेन की परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने रूस के इस दावे को खारिज किया कि कीव रेडियोधर्मी उपकरण तथाकथित डर्टी बम के जरिए उसे उकसाने की कोशिश कर रहा है।
यूक्रेन ने कहा कि रूसी सेना अपने कब्जे वाले यूरोप के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र में गुप्त रूप से निर्माण कार्य कर रही है और अपनी गतिविधि से ध्यान हटाने के लिए वह यूक्रेन पर आरोप लगा रही है। बाइडन ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा, ‘मैं यह कहना चाहता हूं कि यदि रूस सामरिक परमाणु हथियार का इस्तेमाल करता है, तो यह अत्यंत गंभीर गलती होगी। अमेरिका के राष्ट्रपति से सवाल किया गया था कि क्या रूस ‘डर्टी बम’ या परमाणु हथियार का इस्तेमाल करने की तैयारी कर रहा है। बाइडन ने कहा, ‘मैं आपको इस बात की गारंटी नहीं देता हूं कि यह वास्तविकता को छिपाने के लिए चलाया गया कोई अभियान है या नहीं। मुझे नहीं पता, लेकिन यह बड़ी भूल होगी।” व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरीन ज्यां पियरे ने कहा कि राष्ट्रपति ने अपनी बात स्पष्ट रूप से कही।
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‘रूस की होगी बड़ी गलती, गंभीर परिणाम होंगे’
उन्होंने आज फिर से यह कहा। यूक्रेन में परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करना रूस की बड़ी गलती होगी और इसके गंभीर परिणाम होंगे। जहां तक ‘डर्टी बम’ के संभावित इस्तेमाल की बात है, तो देखिए, रूस साफ तौर पर झूठे आरोप लगा रहा है। उन्होंने कहा, हमें इसे गंभीरता से लेना चाहिए… हमने अतीत में भी रूस को आरोप लगाने की आड़ में उकसावे की कार्रवाई करते देखा है।” पियरे ने कहा कि अमेरिका ने रूस को इस दिशा में कोई तैयारी करते नहीं पाया है, लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि वह हालात की अत्यंत निकटता से निगरानी करना जारी रखेगा।