North Korea Target America and Japan: उत्तर कोरियाई सर्वोच्च नेता किम जोंग उन दुनिया का सबसे सनकी तानाशाह है, जिसकी जिद पूरी दुनिया में चर्चित है। अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच दुश्मनी आज से नहीं बल्कि काफी पुरानी है और समय-समय पर यह देखने को मिलती रहती है कि दोनों देशों के बीच दूरी कितनी है। किम जोंग उन (Kim Jong Un) लगातार अमेरिका (North Korea Target America and Japan) पर निशाना साधते रहते हैं। किम जोंग उन (Kim Jong Un) को मिशाइलों और परमाणु हथियारों की भूख है। वो आए दिन कोई न कोई मिसाइल टेस्ट करते रहते हैं। सिर्फ 10 महीने में उत्तर कोरिया ने 40 से भी अधिक घातक मिसाइलों का परीक्षण कर चुका है। अमेरिका से लेकर जापान और दक्षिण कोरिया (North Korea Target America and Japan) इसको लेकर चिंतित हैं।
यह भी पढ़ें- तानाशाह Kim Jong ने बढ़ाई दुनिया की टेंशन,उत्तर कोरिया झील से दागी मिसाइल
किम जोंग ने अपने दादा और पिता को भी छोड़ा पीछे
अमेरिका के रिसर्च एंड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (RAND) के अनुसार, उत्तर कोरिया के पास अभी करीब 200 परमाणु हथियार हैं। वर्ष 2027 तक इनकी संख्या 250 के पार जा सकती है। उत्तर कोरिया के पास इतने संसाधन हैं कि वो हर साल औसतन बारह परमाणु हथियार बना सकता है। परमाणु हथियारों का जखीरा बढ़ाने के साथ नियमित परीक्षण से उत्तर कोरिया अपनी परमाणु शक्ति का प्रदर्शन कर रहा है। वहीं, किम जोंग ने अपने दादा और पिता को पछाड़ दिया है। उन के दादा किल इल सुंग ने 198 से 1998 के बीच 15 मिसाइलों का परीक्षण किया। पिता किम जोंग इल ने 2006 से 2009 के बीच 16 परीक्षण किये। उन के नेतृत्व में 2012 में पहला परीक्षण हुआ था और 2021 तक कुल 129 मिसाइलों का परीक्षण पूरा हो चुका है। बीते दस वर्षों में उन ने हर वर्ष औसतन 12 मिसाइलों का परीक्षण किया है।
यह भी पढ़ें- North Korea के तानाशाह Kim Jong-un की बहन ने दी धमकी, ‘औकात से ज्यादा आगे बढ़े तो बर्बाद कर दूंगी’
टार्गेट पर अमेरिका और जापान
काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशन्स (सीएफआर) के अनुसार प्योंगयांग कम से कम छह बार परमाणु परीक्षण कर चुका है। इसी से बैलिस्टिक मिसाइल बनाई हैं जिनकी मारक क्षमता अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया तक है। उत्तर कोरिया की इस रणनीति को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने गंभीरता से लिया और एजेंसियों को निगरानी रखने का निर्देश दिए हैं। उत्तर कोरिया के पास सिर्फ परमाणु हथियारों का ही नहीं, रासायनिक और जैविक हथियारों का भी भंडार है।