उत्तर कोरिया का सनकी तानाशाह किम जोंग उन (Kim Jong Unn) लगातार मिसाइल टेस्ट कर अमेरिका और दक्षिण कोरिया को अपनी ताकत दिखा रहे हैं। तभी तो किम जोंग उन की तरफ से एक के बाद एक लगातार परमाणु परीक्षण किए जा रहे हैं। किम जोंग उन ने कसम खाई है कि वह उत्तर कोरिया को दुनिया का सबसे ताकतवर देश बनाकर रहेंगे। उनकी तरफ से यह वादा कई शॉर्ट रेंज की बैलिस्टिक मिसाइलों (Ballistic missile) और इंटरकॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल (ICBM) के परीक्षणो के बाद किया गया है। देश की न्यूज एजेंसी केसीएनए की तरफ से कहा गया है कि किम जोंग की महत्वाकांक्षाएं 18 नवंबर को आईसीबीएम हॉवसोंग-17 मिसाइल की परीक्षण के बाद और बढ़ गई हैं। यह मिसाइल अमेरिका को भी निशाना बना सकती है।
कर चुकें 34 मिसाइलों का टेस्ट
एक अखबार के अनुसार उत्तर कोरिया ने 34 मिसाइलों का टेस्ट तो इसी साल किया है जिसमें एक मिसाइल इस माह टेस्ट की गई है। उत्तर कोरिया की यह मिसाइल दक्षिण कोरिया के पूर्वी तट से 35 मील दूर जाकर गिरी थी। लेकिन किम जोंग अभी यही नहीं रुकने वाले हैं। आर्म्स कंट्रोल एसोसिएशन (ACA) के एक मुताबिक दुनिया के करीब 13,080 परमाणु हथियारों पर रूस और अमेरिका का कब्जा है। अमेरिका के पास करीब 5550 परमाणु हथियार हैं तो रूस के पास 700 हैं।
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अभी इतने हथियार बाकी
उत्तर कोरिया के पास करीब 40 से 50 परमाणु हथियारों का जखीरा है। एसीए की मानें तो अभी तक इस बात की कोई पुष्ट जानकारी नहीं है कि उत्तर कोरिया के पास कुल कितने परमाणु हथियार नहीं हैं। स्टिमसन सेंटर के सीनियर फेलो जेनी टाउन की मानें तो उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के किसी भी शब्द पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। साल 2021 में कुछ सैटेलाइट तस्वीरें सामने आई थीं। ये तस्वीरें उत्तर कोरिया के योगबाइयॉन स्थित एक प्लांट यूरेनियम संवर्धन के प्लांट की थीं।
विशेषज्ञों की मानें तो तस्वीरों से साफ होता है कि इस प्लांट में उत्पादन में 25 फीसदी तक की तेजी आई थी। साल 2010 में चेक गणराज्य की राजधानी प्राग में अमेरिका और रूस के बीच न्यू स्ट्रैटेजिक आर्म्स रीड्यूशन ट्रीटी (New START) को साइन किया गया था। यह संधि पांच फरवरी 2011 तक प्रभावी थी।
अमेरिका की बराबरी
यूएस इंस्टीट्यूट ऑफ पीस में उत्तर-पूर्व एशिया के सीनियर एक्सपर्ट फ्रैंक औम की मानें तो उत्तर कोरिया उसी सोच पर आगे बढ़ रहा है जिसके बारे में किम जोंग उन ने साल 2021 में ही चेतावनी दे दी थी। 8वीं पार्टी कांग्रेस के दौरान उत्तर कोरिया, अमेरिका के उसी सिद्धांत पर आगे बढ़ रहा है जो ‘ताकत के लिए ताकत और ‘सद्भावना के लिए सद्भावना’ से जुड़ा है।