अंतर्राष्ट्रीय

लिथियम बैट्री की होगी छुट्टी! अमेरिका वैज्ञानिक बना रहे सस्‍ती बैट्री, चीन का दबदबा होगा खत्‍म

दुनिया के लिथियम (Lithium Battery) भंडार पर कब्‍जा करने वाले चीन के लिए बुरी खबर है। अमेरिका के जॉर्जिया इंस्‍टीट्यूट ऑफ टेक्‍नॉलजी के शोधकर्ता एक ऐसी शक्तिशाली बैट्री बना रहे हैं, जिसमें लिथियम की जरूरत नहीं होगी। यही नहीं एल्युमिनियम की पन्‍नी से बनाई जाने वाली यह बैट्री बहुत सस्‍ती होगी और पर्यावरण के लिहाज से बहुत फायदेमंद होगी। इस ठोस बैट्री में ऊर्जा को स्‍टोर करने और स्थिरता की गजब की क्षमता होगी। इससे किसी इलेक्ट्रिक कार को मात्र एकबार चार्ज करके बहुत लंबी दूरी तक सफर किया जा सकता है।यही नहीं इस बैट्री की मदद से इलेक्ट्रिक एयरक्राफ्ट का भी सपना हकीकत में बदल सकता है।

दरअसल, एक अच्‍छी बैट्री के लिए दो चीजें अहम होती हैं। ऊर्जा का अत्‍यधिक घनत्‍व ताकि वह सभी उपकरणों को पावर दे सके। दूसरा स्थिरता ताकि उसे सुरक्षित और विश्‍वसनीय तरीके से हजारों बार आसानी से चार्ज किया जा सके। पिछले 30 साल से दुनियाभर में लिथियम की बैट्री ने बादशाहत कायम कर ली है। ये बैट्री स्‍मार्टफोन, लैपटॉप और इलेक्ट्रिक वाहनों में धड़ल्‍ले से इस्‍तेमाल की जा रही हैं।

एल्युमिनियम बैट्री में नहीं होगा आग लगने का खतरा

अब बैट्री के शोधकर्ता लिथियम का विकल्‍प तलाश रहे हैं। इसकी वजह है कि अगली पीढ़ी के लंबी दूरी के वाहन और इलेक्ट्रिक एयरक्राफ्ट बाजार में आने वाले हैं। इसको देखते हुए ज्‍यादा शक्तिशाली, सुरक्षित और सस्‍ती बैट्री की तलाश तेज हो गई है। जार्जिया इंस्‍टीट्यूट के शोधकर्ताओं ने एल्युमिनियम की पन्‍नी की मदद से नई बैट्रियों का निर्माण किया है जिसमें ऊर्जा की सघनता और ज्‍यादा स्थिरता होगी। इन शोधकर्ताओं का कहना है कि एल्युमिनियम का इस्‍तेमाल बैट्री बनाने में करना बहुत रोचक रहा।

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इसकी वजह यह है कि एल्युमिनियम बहुत सस्‍ता, बार इस्‍तेमाल किए जाने योग्‍य और आसानी से काम करने लायक होता है। एल्युमिनियम से बैट्री बनाने का आइडिया 1970 के दशक का है लेकिन यह सफल नहीं रहा था। अब सॉलिड स्‍टेट बैट्री बनकर सामने आई हैं। लिथियम बैट्री में जहां लिक्विड होता है ज‍िसमें आग लगने का खतरा रहता है, वहीं सॉल‍िड स्‍टेट बैट्री में एक ठोस मैटीरियल होता है जो ज्‍वलनशील नहीं होता है। इस वजह से यह बैट्री सुरक्षित होंगी। इस बैट्री ने शोध के दौरान अच्‍छे परिणाम दिए हैं। अगर ये बैट्री बनकर तैयार हो जाती हैं तो इससे चीन की दादागिरी पर लगाम लगेगी जो लिथ‍ियम के भंडार और उसको रिफाइन करके तैयार करने में एकाधिकार रखता है। यही नहीं चीन अक्‍सर दुनिया के अन्‍य देशों को धमकाता भी रहता है।

आईएन ब्यूरो

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