आयुष गोयल
कनाडा में खालिस्तानियों से लगातार बढ़ते ख़तरे के बारे में चेतावनी देते हुए भारतीय मूल के कनाडाई सांसद चंद्र आर्य ने कहा है कि यह तो समय की बात है कि वे काट-काटकर मार डालेंगे। कर्नाटक के रहने वाले आर्य लिबरल पार्टी से हैं और ओंटारियो प्रांत में नेपियन निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं।
वरिष्ठ भारतीय राजनयिकों को निशाना बनाने वाले खालिस्तान समर्थक उत्तेजक पोस्टरों की निंदा करते हुए आर्य ने कहा कि यह देखकर अच्छा लगा कि कनाडाई अधिकारी आख़िरकार अपने पीछे मंडरा रहे ख़तरे के प्रति सजग हो रहे हैं। कनाडा ने भारत को अपने राजनयिकों की सुरक्षा का आश्वासन दिया है, एक दिन बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि भारत ने कनाडा, ब्रिटेन और अमेरिका जैसे अपने साझेदार देशों से “चरमपंथी खालिस्तानी विचारधारा” को जगह नहीं देने के लिए कहा है, क्योंकि यह ” रिश्तों के लिए अच्छा नहीं।”
आर्य ने ट्वीट किया, “कनाडा में खालिस्तानी हिंसा और नफ़रत को बढ़ावा देकर हमारे अधिकारों और स्वतंत्रता के चार्टर का दुरुपयोग करने में एक नए निचले स्तर पर पहुंच रहे हैं। हाल ही में ब्रैम्पटन परेड में भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके अंगरक्षकों द्वारा हत्या को चित्रित करने और जश्न मनाने के लिए निर्वाचित अधिकारियों की ग़ैर-आलोचना से उत्साहित होकर वे अब खुलेआम भारतीय राजनयिकों के ख़िलाफ़ हिंसा का आह्वान कर रहे हैं। हालांकि, यह देखना अच्छा है कि कनाडाई अधिकारी इस पर ध्यान दे रहे हैं, हमें ध्यान देना चाहिए कि हमारे पीछे में सांप अपना सिर उठा रहे हैं और फुफकार रहे हैं। यह तो बस समय की बात है कि वे मारने के लिए कब काट खाते हैं।”
Khalistanis in Canada continue to reach new low in abusing our Charter of Rights and Freedom by promoting violence and hate.
Emboldened by non-criticism from elected officials of a recent Brampton parade portraying and celebrating the assassination of Indian Prime Minister… pic.twitter.com/c4LUEXQ5kW— Chandra Arya (@AryaCanada) July 4, 2023
संबंधित खालिस्तानी पोस्टर ने ओटावा में भारत के उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा और टोरंटो में महावाणिज्य दूत अपूर्व श्रीवास्तव को खालिस्तान टाइगर फ़ोर्स (केटीएफ) प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर के “हत्यारे” के रूप में बताकर पूरे भारत में आक्रोश फैला दिया है। निज्जर की जून में कनाडा में संदिग्ध गैंगवार में गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी, हालांकि खालिस्तानियों ने इसके लिए भारत को ज़िम्मेदार ठहराया है। कनाडा सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाये जाने पर भारत ने सोमवार को नई दिल्ली में कनाडाई दूत को तलब किया और कनाडा में खालिस्तानी समर्थकों की बढ़ती गतिविधियों पर विरोध जारी किया।
पता चला है कि भारत ने कनाडा के अधिकारियों से 8 जुलाई को कनाडा में भारतीय दूतावासों के बाहर खालिस्तान समर्थक समूहों द्वारा नियोजित विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर उचित क़दम उठाने को भी कहा गया है।
इस बीच कनाडाई क़ानून प्रवर्तन एजेंसियां अलर्ट पर हैं, क्योंकि आज एक भारतीय मूल के गैंगस्टर को मार गिराया गया है। हालांकि अभी तक मृतक करणवीर सिंह गरचा का किसी खालिस्तानी संगठन से कोई संबंध स्थापित नहीं हुआ है, लेकिन जांच अब भी जारी है। इंटीग्रेटेड होमिसाइड इन्वेस्टिगेशन टीम (IHIT) के अनुसार, 25 वर्षीय गार्चा को रविवार को ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत के एक कॉन्डो कॉम्प्लेक्स में गोली मार दी गयी थी, जिसने बाद में चोटों के कारण दम तोड़ दिया। प्रारंभिक जांच में चल रहे गिरोह संघर्ष से संबंधित लक्षित शूटिंग का पता चला है ,क्योंकि इसी तरह 28 वर्षीय अमरप्रीत ‘चकी’ सामरा की इस साल 28 मई को वैंकूवर में एक बैंक्वेट हॉल के बाहर कथित तौर पर गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी।
आईएचआईटी के टिमोथी पियरोटी ने कहा, “हम किसी ऐसे व्यक्ति से बात करना चाह रहे हैं, जिसका शूटिंग से पहले के दिनों में गार्चा के साथ संपर्क था, जिसमें उस वाहन का ड्राइवर भी शामिल था, जिसने उसे कॉन्डो कॉम्प्लेक्स में छोड़ा था।” ग़ौरतलब है कि पिछले साल दिसंबर में सरे रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस ने कथित तौर पर गिरोह की गतिविधियों में शामिल दो भारतीय-कनाडाई पुरुषों गार्चा और 22 वर्षीय हरकीरत झुट्टी के लिए सार्वजनिक सुरक्षा चेतावनी जारी की थी।
सरे रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस ने एक विज्ञप्ति में कहा, “गिरोह गतिविधि, नशीली दवाओं के व्यापार और गोलीबारी जैसे हिंसक कृत्यों से जुड़े होने के कारण इन व्यक्तियों ने ख़ुद को अपने परिवार और समुदाय को ख़तरे में डाल दिया है।”