जब रूस को नाटो और अमेरिका धमकियों का कोई फर्क नहीं पड़ा तो उन्होंने भारत को आकर यूक्रेन में हो रही जंग को रुकवाने के लिए कहा। कई बार जेलेंस्की तक गुहार लगा चुके हैं कि अगर इस युद्ध को कोई रोक सकता है तो वो हैं भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। इसके पीछे कारण है दोनों के बीच धनीष्टता। कई वर्षों पुरानी इस दोस्ती में कई देशों ने फूट डालने के कोशिश की लेकिन इनकी दोस्ती बिगड़ने के बजाय और भी बढ़ती गई। आज आलम यह है कि दुनिया का सुपर पावर कहलाने वाला अमेरिका और नाटो भारत से जंग रुकवाने के लिए मदद मांग रहे हैं। यहां पीएम मोदी को बहुत ही सोच समझ कर कदम रखना होगा। खैर हमारे प्रधानमंत्री को अच्छे से पता है कि किसी कब और कहां कैसे जवाब देना है। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से 50मिनट तक बातचीत की है और यूक्रेन के हालात पर चर्चा हुई है। इस बीच यूक्रेन संग अमेरिका और नाटो को भी बेसब्री से इंतजार है कि भारत से बातचीत के बाद रूस का क्या एक्शन होगा।
दोनों नेताओं की यूक्रेन पर हमला करने के बाद तीसरी बार बातचीत हुई है। सरकार के सूत्रों के अनुसार, दोनों नेताओं ने यूक्रेन में उभरती स्थिति पर चर्चा की। राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन और रूस की टीमों के बीच वार्ता की स्थिति के बारे में प्रधानमंत्री मोदी को जानकारी दी है। पीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन से यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की के साथ उनकी टीमों के बीच चल रही बातचीत के अलावा सीधी बातचीत करने का आग्रह किया है। उन्होंने युद्धविराम की घोषणा और सूमी सहित यूक्रेन के कुछ हिस्सों में मानवीय गलियारों की स्थापना करने की सराहना भी की है।
बता दें कि, इससे पहले आज दिन में पीएम मोदी ने सोमवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की से भी बातचीत की है औऱ युद्धग्रस्त देश के पूर्वोत्तर इलाके के शहर सूमी में फंसे भारतीय छात्रों को सुरक्षित निकालने में उनसे मदद की गुजारिश की है। करीब 35मिनट तक चली इस बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने यूक्रेन में उभरती परिस्थितियों पर भी चर्चा की। यह जानकारी भी आधिकारिक सूत्रों की ओर से दी गई है। रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग के कारण सूमी में अभी भी 700के करीब भारतीय छात्र फंसे हुए हैं।
रूस ने यूक्रेन नागरिकों की निकासी के लिए सोमवार सुबह से संघर्ष-विराम के साथ कई क्षेत्रों में मानवीय गलियारों को खोलने की घोषणा की है। उत्तर, दक्षिण और मध्य यूक्रेन के शहरों में रूस की लगातार जारी गोलीबारी के बीच हजारों यूक्रेनी नागरिक वहां से सुरक्षित निकलने की कोशिश में जुटे हैं।