यूक्रेन पर रूस की सैन्य कार्रवाई को शुरू हुए अब दो महीने से ज्यादा हो गया है। आज इस सैन्य अभियान का 63वां दिन है। इस दो महीनों में यूक्रेन पूरी तरह बर्बाद हो गया है लेकिन, वो हार मानने के लिए तैयार नहीं है। क्योंकि, पश्चिमी देशों से उसे भारी हथियार, मिसाइलें, गोला-बारूद, फाइटर जेट्स संग आर्थिक रूप से भी मदद मिल रही है। यूक्रेन के बहाने अमेरिका और नाटो रूस को बर्बाद करना चाहते हैं यही वजह है कि इस जंग में ये इतना दिलचस्पी ले रहे हैं। इस बीच रूस ने वहीं कदम उठाया है जो पहले अमेरिका उठा रहा था। रूस के इस कदम से पूरे यूरोप में हाहाकार मच जाएगा।
दरअसल, यूक्रेन जंग के बीच अमेरिका और नाटो मिलकर रूस पर कड़े से कड़े प्रतिबंध लगाकर तोड़ने का काम कर रहे थे। इसी कड़ी में रूस के तेल और गैस को भी बैन करने पर बातचीत चल रही थी। लेकिन, इसके चलते यूरोप में भूचाल की स्थिति बनने लगी थी। जिसके बाद सरकार ने रूसी गैस को बैन करने के फैसले से हांथ पीछे खींच लिया। अब यही एक्शन रूस ने ले लिया तो पूरा यूरोप बौखला उठा है। रूस की दिग्गज सरकारी एनर्जी कंपनी गजप्रोम ने दो उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन यानी नाटो देशों को नैचुरल गैस की सप्लाई रोक दी है। खबर है कि रूस ने पोलैंड और बुल्गारिया को गैस की सप्लाई कट कर दी है जोकि दोनों ही नाटो देश हैं।
गजप्रोम ने बुधवार को कहा कि यह फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि यूरोपीय संघ (ईयू) का हिस्सा रहे दोनों देशों ने रूबल (रूसी मुद्रा) में भुगतान करने से इनकार कर दिया। मार्च में, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने घोषणा की थी कि उनकी सरकार यूक्रेन पर अटैक के लिए मास्को के खिलाफ पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के प्रतिशोध में रूबल के अलावा अन्य मुद्राओं में भुगतान स्वीकार नहीं करेगी। रूस ने साफ कहा है कि वह केवल अपनी मुद्रा यानी रूबल में ही भुगतान स्वीकार करेगा।
इसके साथ ही क्रेमलिन ने चेतावनी दी है कि, अगर वे भुगतान समझौते से सहमत नहीं हैं तो अन्य देशों को भी प्राकृतिक गैस काट दी जाएगी। गजप्रोम द्वारा यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब पोलिश सरकार ने गजप्रोम कंपनी और रूसी व्यवसायों और कुलीन वर्गों के खिलाफ प्रतिबंधों के एक नए सेट की घोषणा की थी। इसके कुछ ही घंटों बाद उसने गैस की सप्लाई रोक दी।