नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के ‘ऑपरेशन समुद्रगुप्त’ में एजेंसी ने 12,000 करोड़ रुपये के ड्रग्स ज़ब्त किए हैं।इसने एक बड़ी आतंकी साज़िश का पर्दाफ़ाश किया है।इसके पीछे लश्कर-ए-तैयबा (LeT), पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) और दाऊद इब्राहिम का करीबी सहयोगी हाथ बताया जा रहा है।
यह भारतीय नौसेना और NCB अधिकारियों के बीच एक संयुक्त अभियान था, जिसमें केरल के कोच्चि से एक पाकिस्तानी नागरिक को भी पकड़ा गया था।
ख़ुफ़िया एजेंसियों ने इसे आतंकवाद का बड़ा कॉकटेल का भंडाफोड़ किया है, जिसमें बड़ी संख्या में आतंकी संगठन और उग्रवादी शामिल हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान भारत में ड्रग्स की तस्करी के लिए डी-कंपनी, आईएसआई, लश्कर और अन्य आतंकवादी संगठनों का उपयोग कर रहा है, जिसका उद्देश्य नार्कोटेरोरिज़्म के माध्यम से व्यापक नुकसान पहुंचाना और देश की स्थिरता को बाधित करना है।
जांच के दौरान आईएसआई द्वारा संरक्षित दाऊद इब्राहिम के क़रीबी सहयोगी हाजी अली का नाम सामने आया है।
हाजी सलीम का कनेक्शन लश्कर के आतंकी शाजिदुल्ला से मिला था।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि शाजिदुल्ला जम्मू-कश्मीर में कई आतंकी गतिविधियों का मास्टरमाइंड रहा है।
ज़ब्त की गयी 12,000 करोड़ रुपये की नशीली दवाओं से संकेत मिलता है कि इस पैसे का एक बड़ा हिस्सा दुबई के रास्ते हवाला के ज़रिए पाकिस्तान भेजा जा रहा था। इसके बाद उस धन का उपयोग आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए किया गया था।
ख़ुफ़िया एजेंसियों की रिपोर्ट में कहा गया है कि मादक पदार्थों की तस्करी को लेकर हाजी सलीम अक्सर लश्कर के कमांडरों के साथ बैठक करता है। ख़ुफ़िया एजेंसियां हाजी सलीम द्वारा लश्कर कमांडर को किए गए एक ऑडियो कॉल का पता लगाने में सक्षम थीं, जिसके बाद पूर्व ने हाजी सलीम की दुबई यात्राओं के बारे में जानकारी एकत्र की।
एक पाकिस्तानी नागरिक, जिसे कोच्चि से ऑपरेशन समुद्रगुप्त के दौरान पकड़ा गया था, इस समय न्यायिक हिरासत में है। सोमवार को ख़ुफ़िया एजेंसी उससे पूछताछ कर सकती है।