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कातिल है Yeti Airlines- पायलट पति की मौत के 16 साल बाद पत्नी की भी ले ली जान

Yeti Airlines Plane Crashes

Yeti Airlines Plane Crashes: काठमाण्डू से पोखरा जा रहा येति एयरलाइंस का एक विमान पोखरा एयरपोर्ट पर लैंड होने से कुछ देर पहले ही क्रैश (Yeti Airlines Plane Crashes) हो गया। हादसे के वक्त विमान में 68 यात्री और 4 क्रू मेंबर्स शामिल थे। विमान के गिरने के बाद उसमें आग लग गई। जो विमान क्रैश हुआ है वह 9N ANC ATR72 था। सोमवार को येती एयरलाइंस के दुर्घटनाग्रस्त विमान का ‘ब्लैक बॉक्स’ और एक शव सोमवार को दुर्घटनास्थल से बरामद कर लिया गया है। ‘कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर’ (सीवीआर) और ‘फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर’ (एफडीआर) दोनों को बरामद कर लिया गया। सीवीआर कॉकपिट में रेडियो प्रसारण और अन्य ध्वनियां रिकॉर्ड करता है, जैसे पायलटों के बीच बातचीत, और इंजन से आने वाली आवाज आदि। अब इससे सही जानकारी मिल पाएगी कि आखिर विमान कैसे दुर्घटनाग्रस्त (Yeti Airlines Plane Crashes) हो गया। अब नियति की देखिए जिस विमान को उड़ाते हुए 16 साल पहले पति की मौत हुई थी उसी से अब पत्नी की भी हुई है। इस फ्लाइट की को पायलट अंजू के पति की मौत भी यति फ्लाइट (Yeti Airlines Plane Crashes) को ही उड़ाते हुए 2006 में हुई थी। इसके बाद अब यति फ्लाइट को ही उड़ाने के दौरान अंजू की भी मौत हो गई।

जिस फ्लाइट से पति की मौत हुई उसी से पत्नी की भी
दरअसल, अंजूल काठीवाड़ा ने पायलट बनने का फैसला अपने पति के मौत के बाद किया था। उनके पति ‘येती एयरलाइंस’ के छोटे यात्री विमान को उड़ाते समय 2006 में एक दुर्घटना में मारे गए थे। इसके बाद अंजू विमानन की पढ़ाई के लिए अमेरिका चली गईं थी। पति की मृत्यु के 16 साल बाद अंजू भी ‘यति एयरलाइंस’ का विमान उड़ा रही थीं, जो रविवार को पोखरा हवाई अड्डे पर उतरने के दौरान हादसे का शिकार हो गया। हादसे में अंजू की मौत हो गई।

पायलट बनने के लिए अमेरिका पढ़ने गई थी अंजू
अंजू की शादी दीपक पोखरेल से हुई थी, जो नेपाल सेना के हेलीकॉप्टर उड़ाते थे। शादी के कुछ साल बाद ‘येती एयरलाइंस’ के पायलट बने दीपक की 2006 में जुमला जिले में एक ट्विन-ओटर दुर्घटना में मौत हो गई थी। अपने दामाद की मृत्यु के बाद, अंजू के पिता उसे पढ़ने के लिए भारत भेजना चाहते थे। लेकिन वह नहीं मानी। पति की आकस्मिक मृत्यु के शोक में, उसने पायलट बनने के लिए पढ़ाई करने के लिए अमेरिका को चुना। इसके बाद पति की मृत्यु के बाद बीमा दावे के रूप में प्राप्त धन का उपयोग अंजू ने विमानन की पढ़ाई के लिए किया। इसके बाद 2010 में वो येती एयरलाइंस से जुड़ीं और अपने सपने को पूरा करते हुए कैप्टन बन गईं। हालांकि, नियति को तो कुछ और ही मंजूर थी। किसी को कहां पता थी कि, जिस विमान से पति की मौत होगी उसी से पत्नी की भी।

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