Hindi News

indianarrative

North Korea Food Crisis- किम-जोंग का तुगलकी फरमान- कहा 2025 तक कम खाना खाओ वरना…

भूख से मर रही है उत्तर कोरिया की जनता

घातक मिसाइलें हासिल करने में जुटे उत्तर कोरिया के तानाशाह किम-जोंग उन आर्थिक मोर्चे पर दाने-दाने को मोहताज हैं। उत्तर कोरिया में इस वक्त हालत यह है कि जनता भूखी सो रही है लेकिन तानाशाह किम-जोंग ने इस बीच तुगलकी फरमान जारी करते हुए जनता से कम खाने के लिए कहा है वो भी एक दो दिन के लिए नहीं बल्कि 2025 तक के लिए। किम-जोंग ने कहा कि जब तक देश 2025 में चीन के साथ अपनी सीमा को फिर से नहीं खोल देता, तब तक लोग कम खाएं।

यह भी पढ़ें- तालिबानियों ने बदला रंग- पाकिस्तान पर हमले शुरू- सीमा पर आतंकी हमले में 8 जवानों की मौत

रेडियो फ्री एशिया के मुताबिक, भोजन की कमी पहले से ही उत्तर कोरियाई लोगों को प्रभावित कर रही है। लेकिन अधिकारियों द्वारा नागरिकों से कहा गया है कि वे कम से कम तीन साल के लिए अपनी कमर कस लें। हालांकि, लोगों का कहना है कि भोजन की कमी की वजह से आने वाली सर्दियों में हालात और बिगड़ सकते हैं। तीन साल में हालात बद से बदतर हो सकते हैं।

2020 में कोरोना वायरस के प्रसार के खिलाफ एहतियात के तौर पर उत्तर कोरिया ने चीन के साथ अपनी सीमा को बंद कर दिया था और उसके इस कदम ने देश की अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी। रोजमर्रा की वस्तुओं की कीमत आसमान पर पहुंच गई हैं, क्योंकि सप्लाई कम होने के चलते मांग तेजी से बढ़ गई है।

इस साल भारी बारिश ने भी फसल को चौपट करने का काम किया है, हालात की गंभीरता को भांपते हुए सत्ताधारी वर्कर पार्टी के संट्रल मिलिट्री कमीशन ने बैठक करके हालात पर मंथन किया है। इसके पहले अप्रैल को भी किम जोंग ने अधिकारियों से कहा था कि जनता को मुश्किलों से थोड़ी राहत देने के लिए फिर से मुश्किल मार्च शुरू करें। इस वाक्यांश का इस्तेमाल उत्तर कोरिया में 90 के दशक में किया गया था जब देश भारी अकाल से जूझ रहा था। इसमें करीब 30 लाख लोगों की मौत हुई थी। तब सोवियत संघ के विघटन के बाद उत्तर कोरिया को मदद मिलनी बंद हो गई थी। संयुक्त राष्ट्र भी उत्तर कोरिया में बढ़ते खाद्य संकट को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र भी उत्तर कोरिया में भुखमरी का खतरा जता चुका है। खासकर गरीब लोगों की मुश्किलें काफी बढ़ गई हैं।

यह भी पढ़ें- इमरान खान की फिर दुनिया के सामने घनघोर बेइज्जती

खाद्य संकट की प्रमुख वजह

महामारी के कारण लॉकडाउन जैसे अन्य कड़े कदम से आपूर्ति बाधित हुई

अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के कारण उत्तर कोरिया का बाकी दुनिया से कट जाना

पिछले साल आए चक्रवाती तूफान का भी कृषि क्षेत्र पर पड़ा है असर

अर्थव्यवस्था के लिए चीन पर बहुत ज्यादा निर्भर रहना भी एक वजह