सवाल उठने लगे है कि रूस-अमेरिका में एटमी वॉर हुआ तो क्या होगा। यह सच है कि एक दिन विकास ही विनाश का कारण बनेगा और बन रहा है। रूस और यूक्रेन के बीच हो रहे युद्ध एक उदाहरण है। मानव जितनी तेजी से विकास कर रहे हैं विनाश भी उतनी ही तेजी से होते जा रहा है। आज दुनिया परमाणु बम बना चुकी है जो पूरी दुनिया के साथ ही आकास से लेकर जमीन तक के लिए खतरा है। परमाणु युद्ध का नाम सुनते ही रुहे कांप जाती हैं। रूस और यूक्रेन के बीच हो रहा जंग अगर परमाणु युद्ध में तब्दील होता है तो पूरी दुनिया भारी तबाही देखेगी। एक नई रिसर्च में कहा गया है कि अगर रूस-अमेरिका में एटमी वॉर बीच फुल स्केल पर होती है तो दुनिया में कम से कम पांच अरब लोग मारे जाएंगे। ये दुनिया की आधी आबादी से भी ज्यादा है। वहीं, अगर भारत और पाकिस्तान के बीच ही अगर एक छोटा न्यूक्लियर युद्ध होता है तो पांच वर्ष में दुनिया में सात फीसदी फसल उत्पादन में गिरावट दिखेगा।
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रूस-अमेरिका परमाणु युद्ध में आधी धरती का हो जाएगा सफाया
अमेरिका के रट्जर्स विश्वविद्यालय (Rutgers University) के वैज्ञानिकों ने दुनिया भर में छह संभावित न्यूक्लियर संघर्षों से होने वाले परिणामों को मैप किया है। उनकी ये स्टडी नेचर फूड जर्नल में प्रकाशित हुई है। रिसर्च में बताया गया है कि, अमेरिका और रूस के बीच परमाणु युद्ध हुए तो आधी धरती का सफाया हो जाएगा। परमाणु बम फटने से अकाल का खतरा हो जाएगा और लोग भूख से मरने लगेंगे।
परमाणु विस्फोट से वायुमंडल में फैल जाएगी कालिख
दरअसल, रूस और यूक्रेन के बीच जंग शुरू हुए 6 महीने से भी ज्यादा हो गया है और युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस युद्ध के चलते दुनिया में लगातार न्यूक्लियर वॉर का खतरा बढ़ता जा रहा है। नई स्टडी में इसी न्यूक्लियर वॉर को लेकर चेताया गया है। रिसर्च में बताया गया है कि, न्यूक्लियार बम के सीधे प्रभाव नहीं बल्कि इसके बाद आने वाली अकाल के प्रभाव से लोग मारे जाएंगे। न्यूक्लियर बम के कारण सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर नहीं आ सकेगा। अध्ययन में कहा है कि, इस अनुमान की गणना विस्फोट के कारण होने वाले कालिख के वायुमंडल में जाने के आधार पर की गई है।
धरती तक नहीं पहुंच पाएगा सूर्य का प्रकाश
जब परमाणु विस्फोट होगा तो इससे भारी मात्रा में कालिख निकलेगी जो वायुमंडल में फैल जाएगी। अब ये कालिख सूर्य के प्रकाश को धरती तक आने नहीं देगी। सूर्य का प्रकाश न होने से ठंड होगी और अनाज पैदा नहीं होगा। ऐसे में दुनया में भूखमरी तेजी से बढ़ने लगेगा और लोग भूख से तड़प-तड़प कर मर जाएंगे। वहीं, शोधकर्ताओं ने अपने परिणाम के लिए सेंटर फॉर एटमॉस्फेरिक रिसर्च के एक जलवायु पूर्वानुमान उपकरण का इस्तेमाल किया। जिसके जरिए उन्होंने हर देश की प्रमुख फसलों के उत्पादन का अनुमान लगाया। बड़े युद्ध के नुकसान तो बड़े हैं, लेकिन अगर छोटे पैमाने पर भी युद्ध होता है तो दुनिया भर में खाद्य संकट के विनाशकारी परिणाम देखने को मिलेंगे।
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देखें भारत-पाकिस्तान परमाणु से दुनिया पर क्या पड़ेगा असर
रिसर्च में पाकिस्तान और भारत का भी जिक्र किया गया है। दोनों ही देश परमाणु संपन्न देश हैं। रिसर्च में कहा गया है कि, सिर्फ भारत और पाकिस्तान के बीच ही अगर एक छोटा न्यूक्लियर युद्ध होता है तो पांच वर्ष में दुनिया में सात फीसदी फसल उत्पादन में गिरावट दिखेगा। वहीं, रूस और अमेरिका के युद्ध में तीन से चार वर्षों में 90 फीसदी फसल उत्पादन गिरेगा।
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