भारत और रूस (India-Russia) के रिश्ते दिन बा दिन मज़बूत होते जा रहे हैं। भारत रूस (India-Russia) से तेल आयात करने के मामले में तीसरे नंबर पर आ गया है। पहले स्थान पर चीन और दूसरे पर अमेरिका (America) हैं।जंग की शुरुआत से ही भारत को रूस से सस्ता तेल मिल रहा है। सबसे दिलचस्प बात है कि भारत इसके लिए डॉलर नहीं बल्कि दिरहम में पेमेंट कर रहा है। यह बात अमेरिका और यूरोपियन देशों को परेशान कर सकती है। यह बात तो हमेशा से अमेरिका के लिए परेशानी की वजह थी कि भारत, रूस से कच्चा तेल खरीद रहा है। लेकिन सूत्रों की मानें तो भारतीय रिफाइनरीज दिरहम में रूस के साथ तेल का व्यापार कर रही हैं।एनर्जी कार्गो ट्रेकर वोर्टेक्सा के मुताबिक, रूस लगातार छठे महीने भारत के लिए कच्चे तेल का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता देश बना हुआ है। इस कच्चे तेल को भारतीय रिफाइनरियों में पेट्रोल और डीजल में परिवर्तित किया जा रहा है। बता दें, रूस की ओर से भारतीय तेल कंपनियों को कच्चे तेल की खरीद पर डिस्काउंट दिया जा रहा है।
रूस भारत(India-Russia) को तेल सप्लाई के मामले में नंबर वन पर
भारत और रूस के बीच ऑयल ट्रेड मार्च में 1.64 मिलियन बैरल प्रति दिन के नए उच्च स्तर पर पहुंच गया। लेकिन इसमें थोड़ी सी स्थिरता आई है। इस नए आंकड़ें के साथ ही रूस ने भारत के पारंपरिक तेल सप्लायर इराक की जगह ले ली है। अब इराक नहीं बल्कि रूस भारत को तेल सप्लाई के मामले में नंबर वन है। वोर्टेक्सा जो एनर्जी सप्लाई पर नजर रखने वाली एजेंसी है, उसकी तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक रूस अब कच्चे तेल का एकमात्र सबसे बड़ा सप्लायर बन रहा है। लगातार छठे महीने में भारत ने रूस से एक तिहाई से ज्यादा तेल खरीदा है।
अगर इराक से इसकी तुलना करें तो यह काफी कम है। भारत ने इराक की तुलना में रूस से दोगुना तेल खरीदा। साल 2017-18 तक इराक भारत का टॉप ऑयल सप्लायर था और यह प्रति दिन 0.82 मिलियन बैरल तेल भारत को सप्लाई कर रहा था। भारत के अलावा चीन और अमेरिका ने रूस से सस्ता तेल खरीदा है। रूस से भारत का पेट्रोलियम आयात फरवरी में 1.62 मिलियन बैरल से थोड़ा बढ़ गया है।
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