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America के कदमों में गिरा Pakistan, शाहबाज शरीफ ने सेना के लिए मांगे हथियार

पाकिस्तान फिर मांग रहा अमेरिका से मदद

पाकिस्तान (Pakistan) आज जिस हाल में है वो उसका खुद का बनाया हुआ है। मुल्क जल्द ही डिफॉल्ट होने की कगार पर पहुंच गया है। पाकिस्तान के पास खाने के लाले पड़े हुए हैं। उसके कई बड़े उद्योग बंद होने के कगार पर हैं। खासकर टेक्स्टाइल इंडस्ट्री कुछ ही दिनों में बंद हो सकती है। इसके साथ ही अन्य कई क्षेत्रों का भी यही हाल है। अब जिन्ना का देश महाकंगाल हो गया है। क्योंकि, पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार गिरते-गिरते अब पाताल तक पहुंच गया है। इस दौरान पाकिस्‍तान और अंतरराष्‍ट्रीय मुद्राकोष के बीच एक बार फिर से बातचीत शुरू हो गई है। इस बीच विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि पाकिस्‍तान को आईएमएफ से कर्ज मिल भी जाए तो उसका आर्थिक संकट खत्‍म नहीं होने जा रहा है। ऐसे में आर्थिक संकट में फंसा पाकिस्तान अब पूरी तरह विदेशी मदद पर निर्भर है। साथ ही इस संकट का असर देश की सेना पर भी पड़ रहा है जो अब अपने खर्चों में कटौती कर रही है।

इस दौरान पाकिस्तान ने अमेरिका से मिलिट्री फंडिंग और बिक्री को बहाल करने का आग्रह किया है जिसे पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सस्पेंड कर दिया था। अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत मसूद खान ने गुरुवार को वॉशिंगटन में एक सेमिनार को संबोधित करते हुए कहा, ‘यह महत्वपूर्ण है कि अमेरिका पाकिस्तान के लिए विदेशी सैन्य वित्तपोषण और विदेशी सैन्य बिक्री को बहाल करे, जिसे पिछले प्रशासन ने निलंबित कर दिया था। अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद से अमेरिका और पाकिस्तान के संबंध अनिश्चितता में फंसे हुए हैं। साथ ही अमेरिका और चीन की दुश्मनी के चलते वॉशिंगटन और इस्लामाबाद के रिश्ते तनावपूर्ण होते जा रहे हैं और इससे संकटग्रस्त देश की बिगड़ती अर्थव्यवस्था को भी नुकसान पहुंचा है।

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‘IMF की शर्तें आसान नहीं हैं ‘

एलिजाबेथ होर्स्ट ने पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण में मदद करने की जरूरत पर ध्यान केंद्रित किया और इस्लामाबाद से ऐसा करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ काम करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान और आईएमएफ जिन सुधारों पर सहमत हुए हैं, वे आसान नहीं हैं। लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि पाकिस्तान देश को मजबूत वित्तीय स्तर पर वापस लाने के लिए ये कदम उठाए।

‘पाकिस्तान आईएमएफ की शर्तें माने’

दरअसल, वॉशिंगटन ने इस्लामाबाद से आईएमएफ के साथ मंजूर हुए ‘कठिन सुधारों’ को लागू करने के लिए कहा है। हाल ही में, बातचीत में वद्धि ने पाकिस्तान को अमेरिका के साथ तनावपूर्ण संबंधों को सुधारने की दिशा में उम्मीद की नई किरण दिखाई है। विल्सन सेंटर, वॉशिंगटन में आयोजित सम्मेलन ने इस बात पर ध्यान केंद्रित किया कि कैसे कई चुनौतियों के बीच अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों को मजबूत किया जा सकता है।