पाकिस्तान (Pakistan) इस वक्त कंगाली के राह पर है। देश में महंगाई अपने चरम पर है। अर्थव्यवस्था चरमराई हुई है, इसके साथ ही राजनीति उठा-पठक भी जारी है। दरअसल, यूक्रेन को गोला-बारूद की सप्लाइ कर रूस की पीठ छुरा घोपने वाले पाकिस्तान की सरकार ने ऐलान किया है कि वह मार्च महीने से मास्को से सस्ता तेल आयात करने जा रही है। इस बीच पाकिस्तान की सरकार ने कहा है कि वह अपनी जरूरत का 35 फीसदी तेल रूस से आयात करेगी। वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) से एक विशेष संदेश मिला है।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, यह संदेश रूस के ऊर्जा मंत्री निकोले शुल्गिनोव ने दिया, जिन्होंने लाहौर में प्रधानमंत्री से मुलाकात की। शुल्गिनोव शुक्रवार को इस्लामाबाद में होने वाली पाकिस्तान-रूस (Pakistan-Russia) अंतर-सरकारी आयोग की बैठक के 8वें दौर के लिए एक रूसी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। बैठक के दौरान, दोनों पक्षों ने रूस से रियायती दरों पर पेट्रोलियम उत्पादों की खरीद पर चर्चा की। इसके अलावा रूस से पाकिस्तान को तेल और गैस की आपूर्ति के साथ-साथ गैस पाइपलाइन परियोजना की समीक्षा की।
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आखिर रूस की क्या मजबूरी ?
रूसी मंत्री ने बताया कि राष्ट्रपति पुतिन ने पाकिस्तान (Pakistan) को दक्षिण एशिया और इस्लामी दुनिया में रूस के महत्वपूर्ण भागीदार के रूप में संदर्भित किया (और) द्विपक्षीय संबंधों को गहरा करने के लिए रूस की मजबूत रुचि को दोहराया। प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए शरीफ ने रूस के साथ अपने संबंधों से जुड़े पाकिस्तान के महत्व पर प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री ने पिछले साल सितंबर में पुतिन के साथ समरकंद में हुई अपनी मुलाकात को याद किया और कहा कि इस बैठक में पाकिस्तान-रूस संबंधों को और मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए थे।
रूस ने यह ऐलान ऐसे समय पर किया है जब पाकिस्तान लगातार यूक्रेन को गोला-बारूद की सप्लाइ कर रहा है। यूक्रेन की सेना पाकिस्तान में बने गोला बारूद की मदद से रूसी सैनिकों पर खूनी हमले कर रही है। पाकिस्तान एक तरह यूक्रेन को गोला बारूद बेचकर डॉलर कमा रहा है, वहीं अब उसकी कोशिश है कि रूस से सस्ता तेल हासिल किया जाए। रूस अब इसके लिए तैयार भी हो गया है।