भारत से अलग होने के बाद से ही पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर के नाम पर राजनीति कर रहा है। अब भी पाकिस्तान की सत्ता में कोई भी काबिज होता है वो कश्मीर राग ही अलापता है। कश्मीर राग तो पाकिस्तान ने गले में कंठ कर बैठा लिया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में लगातार पाकिस्तान कश्मीर मुद्धा उठाता है लेकिन, हर बार मुंह की खाता है। पाकिस्तान के बलूच और Pok में लोग भूखे मर रहे हैं। रोजगार से लेकर दैनिक सुविधाओं के लिए सरकार से गुहार लगा रहे हैं। लेकिन, पाकिस्तान को कश्मीर की पड़ी है। इस बार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐसी चाल चली है कि पाकिस्तान बौखला उठा है।
दरअसल, जम्मू-कश्मीर में अगले साल जी-20 (G-20) बैठक होने वाला है। जो पाकिस्तान को पच नहीं रहा है। इसका पाकिस्तान ने विरोध करते हुए कहा है कि, वो जी-20 बैठकों को लेकर भारत की योजनाओं को पूरी तरह से नकारता है। जम्मू-कश्मीर को भारत और पाकिस्तान के बीच विवादित क्षेत्र बताते हुए कहा है कि, ये विवाद सात दशकों से अधिक समय से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एजेंडे पर है। पाकिस्तान इसे विवादित क्षेत्र कैसे बता सकता है, असल में बलूचिस्तान और Pok भी भारत का ही है जिसपर पाकिस्तान ने अवैध कब्जा किया हुआ है। उसे जल्द से जल्द इन क्षेत्रों से अपने कब्जे को हटा लेना चाहिए।
जम्मू कश्मीर दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ लाने वाले प्रभावशाली समूह जी-20 की 2023 की बैठक की मेजबानी करेगा। केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन ने समन्वय के लिए गुरुवार को पांच सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का गठन किया। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता आसिम इफ्तिखार अहमद ने एक बयान में कहा कि इस्लामाबाद ने भारतीय मीडिया में आई उन खबरों का संज्ञान लिया है, जिनसे संकेत मिलता है कि भारत जी-20 से संबंधित कुछ बैठक जम्मू कश्मीर में कराने पर विचार कर सकता है। अहमद ने कहा, भारत की ऐसी किसी भी कोशिश को पाकिस्तान पूरी तरह नकारता है। इसके आगे अहमद का कहना है कि, यह सब जानते हैं कि जम्मू कश्मीर, पाकिस्तान और भारत के बीच अंतरराष्ट्रीय स्तर पर माना गया विवादित क्षेत्र है और सात दशकों से अधिक समय से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एजेंडे पर है। अहमद ने कहा कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भारत से पांच अगस्त, 2019 को लिए गए अपने फैसले को वापस लेने और सभी राजनीतिक कैदियों को रिहा करने का आह्वान करने का अनुरोध भी करता है।
जम्मू-कश्मीर प्रशासन के आदेश में कहा गया है कि आवास एवं शहरी विकास के प्रधान सचिव समिति का नेतृत्व करेंगे, जिसका गठन विदेश मंत्रालय के 4 जून के पत्र के बाद किया गया है। सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव मनोज कुमार द्विवेदी की ओर से जारी आदेश में कहा गया है, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में होने वाली जी-20 बैठकों के समग्र समन्वय के लिए एक समिति के गठन को मंजूरी दी जाती है।