सत्ता में आने से पहले इमरान खान ने 'नया पाकिस्तान' बनाने का वादा किया था। नए पाकिस्तान के आड़ में मुल्क कर्ज के बोझ तले दबता चला गया। पाकिस्तान ने एक साल पहले सऊदी अरब से करीब 300 अमेरिकी डालर करोड़ का कर्जा लिया था। यह कर्जा हर तिमाही में 4 फीसदी ब्याज की दर पर लिया गया था। लेकिन अब ये पैसे सऊदी अरब ने पाकिस्तान से वारस मांग लिए है। इन उधार के पैसों को अब इमरान खान को चुकाना होगा। इसके लिए इमरान खान अब नई योजना के बारे में सोच रहा है।
आपको बता दें कि इमरान खान के कार्यकाल में सरकार ने 20.7 खरब पाकिस्तानी रुपये का नया कर्ज लिया है। चंद दिनों पहले इमरान 300 अरब डॉलर के कर्ज की उम्मीद में चीन गए थे, जो पूरी नहीं हो सकी। जब तक पाकिस्तान का नाम एफएटीएफ की ग्रे सूची में शामिल है, तब तक उसे नया कर्ज भी नहीं मिल सकता।
दरअसल,अक्टूबर 2021 में सऊदी अरब ने पाकिस्तान को वित्तीय सहायतादी। जिसमें सुरक्षित जमा राशि के तौर पर करीब 300 करोड़ अमेरिकी डॉलर और अस्थगित भुगतान को तौर पर 120 से 150 करोड़ अमेरीकी डालर मूल्य की तेल आपूर्ति शामिल थी। इससे पाकिस्तान को अपनी वित्तीय योजना के बारे में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) को समझाने में मदद मिलने की उम्मीद थी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पिछले हफ्ते इस्लामाबाद से आर्थिक सुधारों पर जोर देने के लिए कहा है। उन्होंने सिर्फ टैक्स में बढ़ोतरी से और अधिक ऊपर जाने के लिए कहा है।
पाकिस्तान की टैक्स एजेंसी के पूर्व प्रमुख जैदी ने कहा है कि पाकिस्तान दिवालिया होने के कगार पर पहुंच गया है। सीएडी वित्त वर्ष की पहली छमाही में 9 अरब डॉलर को पार कर चुका है, जो जीडीपी का 5.7 प्रतिशत है। अगर सीएडी इसी तरह बढ़ता रहा, तो पाकिस्तान कर्ज के जाल से निकल नहीं पाएगा। पाकिस्तान पर घरेलू और विदेशी कर्ज 50 हजार अरब पाकिस्तानी रुपये से भी ज्यादा हो चुका है। पाकिस्तान के पास कर्ज चुकाने के पैसे नहीं है।