Hindi News

indianarrative

ukraine में रूस को तगड़ा झटका! चीन का जासूसी नेटवर्क, पेंटागन पेपर्स लीक पर मचा बवाल

Pentagon Papers Leak: अमेरिका के रक्षा मंत्रालय पेंटागन से लीक हुई टॉप सीक्रेट फाइल ने पूरी दुनिया में तहलका मचा रखा है। इस खुफिया दस्तावेजों में रूस, चीन, यूक्रेन समेत कई देशों से संबंधित ऐसी जानकारियां हैं, जो अब तक राज ही बनी हुई है। इतना ही नहीं, इन दस्तावेजों ने अमेरिका की भी पोल खोलकर रख दी है। ऐसे में अमेरिका ने यह स्वीकार कर लिया है कि ये दस्तावेज असली हैं। मैसेजिंग ऐप डिस्कॉर्ड पर मार्च की शुरुआत में इन खुफिया दस्तावेजों को शेयर किया गया था। इसके बाद पेंटागन ने ऐसी जानकारी पाने वाले अधिकारियों की संख्या में बड़ी कटौती की है। अब टॉप सीक्रेट दस्तावेजों को सिर्फ उन्हीं अधिकारियों के साथ साझा किया जाएगा, जिन्हें ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ की मंजूरी मिली होगी। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि इन दस्तावेजों में ऐसा क्या था, जिससे दुनिया में हंगामा मचा हुआ है।

रूस को लेकर संयुक्त राष्ट्र के तेवर नरम

लीक हुए खुफिया दस्तावेज के अनुसार, अमेरिका का मानना है कि रूस को लेकर संयुक्त राष्ट्र ने कोई कठोर फैसला नहीं किया है। अमेरिका ने रूस के साथ अनाज सौदे को लेकर संयुक्त राष्ट्र महासचिव पर भी निशाना साधा। पेंटागन का मानना है कि इस समझौते से यूक्रेन युद्ध के लिए रूस को जवाबदेह ठहराने के प्रयास कमजोर होंगे।संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस रूसी हितों को पूरा कर रहे हैं। ऐसे में अमेरिका उनकी बारीकी से निगरानी कर रहा है। अमेरिका का मानना है कि गुटेरेस इस सौदे को बनाए रखने के लिए इतने उत्सुक थे कि वह रूस की मांगों को मानने को तैयार थे।

यूक्रेन में काम कर रही वेस्टर्न स्पेशल फोर्सेज

23 मार्च के एक दस्तावेज में गतिविधियों और जगह का नाम लिए बिना बताया गया है कि यूक्रेन में पश्चिमी देशों के स्पेशल फोर्सेज मौजूद हैं। इनमें ब्रिटिश स्पेशल फोर्सेज की टीम सबसे बड़ी है। ब्रिटेन के 50, लातविया के17 , फ्रांस के 15, अमेरिका के 14 और नीदरलैंड का 1 कर्मी यूक्रेन में काम कर रहे हैं। पश्चिमी देशों की सरकारें आमतौर पर ऐसे संवेदनशील मामलों पर बयान देने से बचती हैं। हालांकि, रूस ने बहुत पहले ही दावा किया था कि वह सिर्फ यूक्रेन नहीं बल्कि नाटो का भी सामना कर रहा है। अन्य दस्तावेजों में कहा गया है कि जल्द ही कई यूक्रेनी ब्रिगेड युद्ध के लिए तैयार हो सकते हैं।

ये भी पढ़े: America ने रूस पर तैनात किया खतरनाक फाइटर जेट F-22 रैप्‍टर, मचा देगा तबाही

अमेरिका को यूक्रेन की सफलता के बारे में कम उम्मीद

इन दस्तावेजों में यूक्रेन की हवाई सुरक्षा को लेकर पैदा हो रही मुश्किलों का भी जिक्र है। इसमें बताया गया है कि यूक्रेन की मिसाइलें जल्द ही खत्म हो सकती हैं। दस्तावेजों में रूस-यूक्रेन युद्ध में हताहतों की संख्या का भी जिक्र किया गया है। एक स्लाइड में बताया गया है कि अब तक 223,000 रूसी सैनिकों के मारे जाने या घायल होने की सूचना है, जबकि 131,000 यूक्रेनियन के मारे जाने की खबर है। हालांकि, कुछ यूक्रेनी अधिकारियों ने इस दावे को खारिज कर दिया है।

अमेरिका से क्यों नाराज दक्षिण कोरिया?

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, एक सीक्रेट दस्तावेज में जिक्र है कि दक्षिण कोरिया अपने हथियारों को यूक्रेन भेजे जाने को लेकर अमेरिका से नाराज है। सिग्नल इंटेलिजेंस पर आधारित रिपोर्ट में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के बीच एक संवेदनशील बातचीत का विवरण है। वे यूक्रेन को गोला-बारूद भेजने के अमेरिकी दबाव और युद्ध में देशों को हथियार न देने की उनकी नीति के बीच उखड़े हुए हैं।

चीन ने महाशक्तिशाली हथियार का परीक्षण किया

वाशिंगटन पोस्ट ने बताया है कि एक सीक्रेट दस्तावेज में चीनी हथियारों के परीक्षण का भी जिक्र है। इसमें बताया गया है कि चीन ने 25 फरवरी को अपनी प्रायोगिक मिसाइलों में से एक – DF-27 हाइपरसोनिक ग्लाइड वाहन का परीक्षण किया। इसका इस्तेमाल हाइपरसोनिक मिसाइल को लॉन्च करने में किया जाएगा। दस्तावेजों के अनुसार, चीनी मिसाइल ने 12 मिनट तक 2,100 किमी (1,300 मील) की दूरी तय की।