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PM Sheikh Hasina का बड़ा खुलासा, बोली-नाम बदलकर दिल्ली में रह चुकी हूं

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PM Sheikh Hasina: बांग्‍लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना (Pm Sheikh Hasina) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर भारत के दौरे पर आ रही हैं। शेख हसीना 5 से 8 सितंबर तक भारत का दौरा करेंगी और इस दौरान वो नई दिल्ली में राजकीय यात्रा पर जाएंगी। प्रधानमंत्री संग बातचीत के दौरान कई मंत्री, सलाहाकार, सचिव और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद होंगे। इसके साथ ही बांग्लादेश के बड़े बिजसमैन भी पीएम मोदी से मिलेंगे। ऐसे में ये बात तो साफ है कि, शेख हसीना (PM Sheikh Hasina) का भारत दौरान यू ही नहीं है। खैर इन सब के बीच उन्होंने एक बड़ा खुलासा करते हुए कहा है कि, वो दिल्ली में अपना नाम बदलकर रह चुकी हैं। इस दौरान वो अपने बच्चों के साथ रहती थी।

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अपने पुराने दिनों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि, वह एक दूसरी पहचान के साथ दिल्ली के पंडारा रोड पर अपने बच्चों के साथ रहती थीं। हसीना उन दिनों को याद करके भावुक हो गई। पिता शेख मुजीबुर रहमान की हत्या के बाद वह कई दिनों तक यहां रही और अपनी पहचान को भी छिपाए रखा। करीब 5 दशक बाद उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया कि वह उस घटना को याद करके कई दशकों तक डर के साये में रही हैं। नम आंखों के सथ उन्होंने वर्ष 1975 के उस वक्त को याद किया जब वो अपने न्यूक्लीयर साइंटिस्ट पति के साथ जर्मनी में रहने के लिए बांग्लादेश छोड़ा था तो उनका पूरा परिवार उन्हें एयरपोर्ट छोड़ने आया था। इस दौरान उन्हें बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि यह उनके परिवार के साथ उनकी आखिरी मुलाकात है।

शेख हसीना ने कहा कि, मैं उस वक्त अपने माता-पिता के साथ उसी घर में रहती थी। मुझे एयरपोर्ट पर छोड़ने मेरा पूरा परिवार आया था। जिसमें मेरे माता-पिता, मेरे तीन भाई, दो भाभियां, मेरे कजन भाई-बहन शामिल थे। और मैं अपने माता-पिता से उस दिन आखिरी बार मिल रही थी। इसके आगे उन्होंने भारत के योगदान को याद करते हुए कहा है कि, भारत हमारा विश्वसनीय साथी है। हम 1971 के युद्ध के दौरान भारत के योगदान को हमेशा याद करते हैं। 1975 में जब मैंने अपने परिवार के सभी सदस्यों को खो दिया था, तब तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री ने हमें भारत में आश्रय दिया था। दोनों देशों के संबंधों के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि, भारत और बांग्लादेश करीबी पड़ोसी हैं। मैं हमेशा अपने पड़ोसी देशों के साथ दोस्ती को महत्व देती हूं क्योंकि मुझे लगता है कि यह दोस्ती हमारे लोगों के लिए है। ये देखना हमारी प्राथमिकता है कि दोनों देशों के बीच व्यापार को कैसे बेहतर बनाया जाए।