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फ़्रांस के लिए रवाना हुए पीएम, मैक्रों के साथ होगी अहम बातचीत,15 जुलाई को पीएम जायेंगे यूएई  

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को पेरिस के लिए विमान से रवाना हुए (फ़ोटो: सौजन्य: PIB)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को फ़्रांस और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की आधिकारिक यात्रा के लिए रवाना हुए। भारत इस क्षेत्र में एक प्रमुख शक्ति के रूप में अपनी बढ़त बनाये हुए है।

फ़्रां के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के निमंत्रण पर पीएम मोदी 13-14 जुलाई को फ़्रांस में रहेंगे। यह यात्रा विशेष रूप से विशिष्ट इसलिए है, क्योंकि वह पेरिस में फ़्रांसीसी राष्ट्रीय दिवस या बैस्टिल दिवस समारोह में ‘सम्मानित अतिथि’ के रूप में राष्ट्रपति मैक्रॉन के साथ शामिल होंगे। भारतीय त्रि-सेवा दल भी बैस्टिल डे परेड का हिस्सा होगा, जबकि भारतीय वायु सेना के राफ़ेल जेट विमान इस अवसर पर फ़्लाई-पास्ट करेंगे।

पीएम मोदी ने अपने प्रस्थान से पहले कहा, “यह वर्ष हमारी रणनीतिक साझेदारी की 25वीं वर्षगांठ है। गहरे विश्वास और प्रतिबद्धता में निहित हमारे दोनों देश रक्षा, अंतरिक्ष, नागरिक परमाणु, नीली अर्थव्यवस्था, व्यापार, निवेश, शिक्षा, संस्कृति और लोगों से लोगों के संबंधों सहित विभिन्न क्षेत्रों में निकटता से सहयोग करते हैं। हम क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी मिलकर काम करते हैं।”

उन्होंने कहा,“मैं राष्ट्रपति मैक्रॉन से मिलने और अगले 25 वर्षों में इस दीर्घकालिक और समय-परीक्षणित साझेदारी को आगे बढ़ाने पर व्यापक चर्चा करने के लिए उत्सुक हूं। 2022 में फ़्रांस की अपनी आख़िरी आधिकारिक यात्रा के बाद से मुझे राष्ट्रपति मैक्रोन से कई बार मिलने का अवसर मिला है, हाल ही में मई 2023 में जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान जापान के हिरोशिमा में हम मिले थे।”

प्रधानमंत्री मोदी फ़्रांसीसी प्रधानमंत्री, सीनेट अध्यक्ष, फ़्रांसीसी नेशनल असेंबली के अध्यक्ष के अलावा इस देश में रह रहे भारतीय समुदाय और दोनों देशों के प्रमुख सीईओ के साथ-साथ प्रमुख फ़्रांसीसी हस्तियों से भी बातचीत करेंगे।

पेरिस से पीएम मोदी 15 जुलाई को संयुक्त अरब अमीरात की आधिकारिक यात्रा के लिए अबू धाबी जायेंगे, जहां वह संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति और अबू धाबी के शासक शेख़ मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के साथ चर्चा करेंगे।

पीएम मोदी ने कहा,“हमारे दोनों देश व्यापार, निवेश, ऊर्जा, खाद्य सुरक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, शिक्षा, फिनटेक, रक्षा, सुरक्षा और लोगों के बीच मज़बूत संबंधों जैसे व्यापक क्षेत्रों में जुड़े हुए हैं। पिछले साल, राष्ट्रपति शेख़ मोहम्मद बिन जायद और मैं हमारी साझेदारी के भविष्य पर एक रोडमैप पर सहमत हुए थे, और मैं उनके साथ हमारे संबंधों को और गहरा करने के बारे में चर्चा करने के लिए उत्सुक हूं।”

यूएई इस साल के अंत में यूएनएफ़सीसीसी (सीओपी-28) के 28वें सम्मेलन की मेज़बानी करेगा और इस प्रकार प्रधानमंत्री ऊर्जा परिवर्तन और पेरिस समझौते के कार्यान्वयन को सुविधाजनक बनाने के लिए जलवायु कार्रवाई में तेज़ी लाने की दिशा में वैश्विक सहयोग को मजबूत करने पर विचारों का आदान-प्रदान भी करेंगे।

उन्होंने कहा, “मुझे विश्वास है कि यूएई की मेरी यात्रा हमारी व्यापक रणनीतिक साझेदारी में एक नए अध्याय की शुरुआत करेगी।”