अफगानिस्तान की सत्ता में तालिबान को आए छह महीने से ज्यादा वक्त हो चुका है। तालिबान की क्रूरता से पूरी दुनिया वाकिफ है और इस बार भी तालिबान का वही बीस साल पुराना वाला क्रूर चेहरा देखने को मिल रहा है। तालिबान के आने के बाद से अफगानिस्तान में मानवीय संकट गहराता जा रहा है। यहां से लाखों लोग अपना सबकुछ छोड़कर दूसरे देश चले गए। अब तो तालिबान के ही राज में इंसान आदमखोर हो गए हैं और एक दूसरे की आंतों को खा रहे हैं।
अफगानिस्तान में कब्जा करने के बाद तालिबान प्रतिज्ञा ली थी कि वो देश की ड्रग की समस्या को खत्म कर देगा। लेकिन, अमेरिकी समेत पश्चिमी मुल्कों के साथ जंग में तालिबान ने इस ड्रग को बेचकर ही पैसा कमाया था। तालिबान हजारों बेघर नशा करने वालों को अस्पतालों में बंद कर दिया है, जो किसी कॉन्सेंट्रेशन कैप से कम नहीं है। यहां पर उनके साथ ज्यादतियां भी जारी है।
काबुल में एक ऐसे ही अस्पताल का नजारा जो सामने आया वो बेहद ही भयावह था। यहां पर कमरों के भीतर नशा करने वाले लोगों को ठूस कर रखे हुए देखा गया। इन लोगों को न के बराबर खाना दिया जा रहा है। जिसके चलते उनकी भूख मिट नहीं सकी और कई लोग घास खाने के लिए मजबूर हो गए। इसके साथ ही यह भी खबर है कि कुछ लोग तो बिल्लियों और यहां तक कि इंसानी मांस को भी जिंदा रहने के लिए खाना शुरू कर दिया है।
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले महीने डेनमार्क एक पत्रकार से बात करते हुए ऐसे ही एक 'अस्पताल' से रिकवर होकर आए व्यक्ति ने कहा, 'उन लोगों ने एक व्यक्ति को जान से मार दिया और उसकी लाश को जलाया। कुछ लोगों ने उसकी आंतों को खाया। एक अन्य कैदी ने कहा कि, मरीजों के लिए भूखे रहना एक आम बात बन चुकी है। इस वजह से कई लोगों की मौत हो जाती है। उस व्यक्ति ने कहा कि, एक दिन पार्क में घूम रही बिल्ली को लोगों ने पकड़कर खा लिया। एक व्यक्ति ने बिल्ली की गर्दन को काटा औऱ खा गया।