America के खिलाफ पुतिन की नई साज़िश! रूस,भारत और चीन का चाहता है गठबंधन, क्या होगा India का क़दम?

रूस (Russia) के चीन से रिश्ते बेहतर होते जा रहे हैं। जिसकी वजह से वह चीन पर भारत(India) से अच्छे सम्बन्ध बनाने के लिए ज़ोर डाल रहा है। हाल ही में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के रूस के दौरे के बाद से क़यास लगाया गया था के भारत (India) के सम्बन्ध अब रूस से ठीक नहीं रहेंगे। रूस और भारत काफी पुराने दोस्त हैं लेकिन आजकल रूस का झुकाओ चीन की तरफ बढ़ता जा रहा है जिसका असर उसके भारत के सम्बन्ध पर पड़ता नज़र आ रहा है। रूस की सुरक्षा परिषद के सचिव निकोले पेत्रुशेव ने हाल ही में भारत(India) के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की है। इस मीटिंग में उन्‍होंने पीएम मोदी के साथ आपसी हितों के लिए द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा की है। विशेषज्ञों की मानें तो पश्चिमी देशों ने इस मुलाकात को ज्‍यादा तवज्‍जो नहीं दी है। लेकिन यह मीटिंग कई मायनों में महत्‍वपूर्ण है। निकोल ने शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) से अलग पीएम मोदी से प्राइवेट मीटिंग की थी।

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आपको बता दें साल 2022 में जब से यूक्रेन में युद्ध शुरू हुआ है तब से ही रूस की अर्थव्‍यवस्‍था पूरी तरह से भारत और चीन के साथ होने वाले व्‍यापार पर निर्भर है।पिछले महीने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ एक बैठक में, पुतिन ने युआन को अपनी पसंद की मुद्रा बताया और युआन पर भरोसा लंबे समय तक भरोसा करने की योजना के बारे में बताया। पुतिन ने कहा था, ‘हम रूस और एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के देशों के बीच चीनी युआन के प्रयोग को बढ़ावा देने के पक्ष में हैं।

रूस है भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापार भागीदार

विशेषज्ञ मानते हैं कि जो प्‍लान रूस ने बनाया है उसमें भारत को कभी न कभी शामिल करना होगा। यूक्रेन जंग के बाद भारत ने रूस के साथ ऑयल डील की और इस बार रूस से तेल का आयात तेजी से बढ़ा। पिछले वित्त वर्ष की तुलना में तेल का व्‍यापार 400 फीसदी तक बढ़ गया है। रूस अब भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है।सुरक्षा परिषद के सचिव पेत्रुशेव के साथ रूस की सरकारी तेल कंपनी रोसनेफ्ट के अध्यक्ष भी पीएम मोदी से मुलाकात के लिए पहुंचे थे। उन्होंने तेल सप्‍लाई बढ़ाने के लिए इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इन सबके ही बीच भारत में एक अलग मीटिंग में रूस की संसद ड्यूमा के उपाध्यक्ष ने भारत, चीन और रूस के नेतृत्व में एक आम डिजिटल मुद्रा जारी की है। वहीं, रूस ने अपनी जो नई विदेश नीति जारी की है उसमें भारत और चीन को अपना सबसे करीबी सहयोगी करार दिया गया है।

आईएन ब्यूरो

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