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दुनिया में तबाही मचाने को तैयार Putin का यह नया हथियार, जानें T-14 Armata कितना खतरनाक?

रूस (Putin) के टी-14 आर्मटा टैंक को हाल में ही आर्मी 2023 इंटरनेशनल मिलिट्री एक्सपो में देखा गया है। इस दौरान टी-14 आर्मटा टैंक ने अपनी शक्ति का प्रदर्शन भी किया। माना जा रहा है कि रूस  (Putin)का मकसद टी-14 आर्मटा के लिए नए ग्राहकों को आकर्षित करना है। रूस की कोशिश अमेरिकी प्रतिबंधों के खिलाफ एक बड़ा मिलिट्री एक्सपोर्ट ऑर्डर पाना है। इससे न सिर्फ रूसी हथियार उद्योग को बड़ा बूस्ट मिलेगा, बल्कि पुतिन के खजाने में पैसा भी बढ़ेगा। टी-14 आर्मटा रूस का मुख्य युद्धक टैंक है।

यह आर्मटा यूनिवर्सल कॉम्बेट प्लेटफॉर्म पर आधारित एक हथियार है। टी-14 आर्मटा को पहली बार 9 मई 2015 को मॉस्को के ऐतिहासिक रेड स्क्वायर पर आयोजित विजय दिवस परेड के दौरान देखा गया था। रूस के मुख्य यु्द्धक टैंक टी-14 आर्मटा को रूस की सरकारी हथियार निर्माता कंपनी यूरालवगोनजावॉड ने बनाया है।

जानें T-14 Armata कितना खतरनाक?

टी-14 आर्मटा की टॉप स्पीड 80 किलोमीटर प्रति घंटा है। इस मुख्य युद्धक टैंक का वजन करीब 55 टन है। रूस का टी-14 आर्मटा टैंक 125 एमएम के स्मूथबोर कैनन से लैस है, जो 10 से 12 राउंड प्रति मिनट के दर से गोले दागने में सक्षम है। रूस के टी-14 आर्मटा टैंक के फायर कंट्रोल सिस्टम (एफसीएस) में एक डिजिटल कैटलॉग है। जिसके जरिए दुश्मनों के टैंक, बख्तरबंद गाड़ियां और हेलीकॉप्टरों की स्पेशल सिग्नेचर का पता लगाया जा सकता है।

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टी-14 आर्मटा टैंक से एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइल को भी फायर किया जा सकता है, जो दुश्मन के लो फ्लाइंग ऑब्जेक्ट्स जैसे हेलिकॉप्टर या छोटे ड्रोन का मार गिराने में सक्षम है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एलिमेंट्स मशीन के ऑनबोर्ड कंप्यूटिंग सुविधाओं के जरिए यह टैंक स्वतंत्र रूप से अपने लक्ष्य को खोजने में सक्षम है। एक साथ कई लक्ष्यों को पहचानने के बाद यह टैंक प्राथमिकता के आधार पर अपने टॉरगेट पर फायरिंग कर सकता है। रूस ने भारत के साथ मिलकर दुनिया के सबसे शक्तिशाली टैंक को बनाने की इच्छा जाहिर की है। वह भारत के साथ अपने अत्याधुनिक टैंक टी-14 आर्मटा की टेक्नोलॉजी साझा करने को भी राजी है।