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10 डाउनिंग स्ट्रीट की सबसे कठिन मोड़ पर खड़े हैं Rishi Sunak, अब होगा असली मुकाबला- देखें क्या कहते हैं आंकड़े

10 डाउनिंग स्ट्रीट की सबसे कठिन मोड़ पर खड़े हैं Rishi Sunak

ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री के लिए भारतीय मूल के ऋषि सुनक ने एक और कदम आगे बढ़ा लिया है। कंजर्वेटिव सांसदों की ओर से की गई पांचवें दौर के मतदान में सुनक ने धमाकेदार जीत दर्ज की है। पांचवें राउंड़ की वोटिंह में सुनक को 137 वोट मिले हैं, दूसरे स्थान पर लिज ट्रूस 113 वोट पाकर हैं। 105 वोट पाने वाली पेनी मोर्डंट मुकाबले से बाहर हो गई हैं। यहां तक तो ऋषि सुनक पहुंच गए हैं लेकिन, उनके लिए अब 10 डाउनिंग स्ट्रीट तक जाने वाली राह मुश्किलों से भरी हो सकती है।

पांच दौर के मतदान में अव्वल रहे ऋषि सुनक की राह जितनी आसान दिख रही है, उतनी है नहीं। विपक्षी पार्टी और खुद बोरिस जॉनसन के करीबी सुनक को अगले पीएम के पद पर नहीं देखना चाहते हैं। उन्हें अब टोरी सदस्यों के बीच काफी कठिन मतदान का सामना करना पड़ेगा और इस दौर के मतदान में हाल के सर्वेक्षणों में आंकड़े उनकी प्रतिद्वंद्वी लिज ट्रस के पक्ष में होने की बात कही गई है। दावेदार प्रधानमंत्री पद की दौड़ में अब सुनक और ट्रूस ही बचे हैं। इनके बीच बीबीसी पर लाइव डिबेट होगी।

ऋषि सुनक को अब प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंचने के लिए अनुमानित तौर पर कंजर्वेटिव पार्टी के 1,60,000 मतदाताओं को अपने पक्ष में डाक मतपत्र डालने के लिए तैयार करना पड़ेगा। इस चरण में मिलने वाली सफलता उन्हें ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बना देगी।

सुनक ने इस महीने की शुरुआत में नेतृत्व के लिए अपनी दावेदारी पेश किए जाने के बाद से बहस और साक्षात्कार की एक श्रृंखला में कहा कि, यह नेतृत्व प्रतियोगिता सिर्फ हमारी पार्टी के नेता होने से ज्यादा है, यह हमारे ब्रिटेन के संरक्षक बनने के बारे में है। उन्होंने 1960 के दशक में पूर्वी अफ्रीका से आए अपने भारतीय परिवार की कहानी के साथ अपना प्रयास शुरू करने से लेकर व्यक्तिगत और पेशेवर के बीच संतुलन बनाने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि, मेरी मां ने फार्मासिस्ट बनने के वास्ते योग्यता प्रप्त करने के लिए कड़ी मेहनत की। वह मेरे पिता, एक एनएचएस (राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा) जीपी से मिलीं और वे साउथेम्प्टन में बस गए। उनकी कहनी यहीं खत्म नहीं हुई, लेकिन यहीं से मेरी कहानी शुरू हो गई।

इसके साथ ही उन्होंने अपने सास-ससुर इन्फोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति और सुधा मूर्ति के लेकर भी कहा कि, मेरे ससुर के पास कुछ भी नहीं था, बस एक सपना था और कुछ सौ पाउंड थे जो मेरी सास की बचत ने उन्हें प्रदान किए। इसके साथ ही उन्होंने दुनिया की सबसे बड़ी, सबसे प्रतिष्ठित और सबसे सफल कंपनियों में से एक का निर्माण किया जो यहां ब्रिटेन में हजारों लोगों को रोजगार देती है। यह वास्तव में एक ऐसी कहानी है जिस पर मुझे गर्व है और प्रधानमंत्री के रूप में, मैं यह सुनिश्चित करना चाहता हूं कि हम यहां उनकी तरह और भी कहानियां बना सकें।

सुनक नियमित रूप से मंदिर में पूजा करने जाते हैं। साउथेम्प्टन में जन्में सुनक नवंबर 2020 में वित्त मंत्री बने। उनकी बेटियाँ, अनुष्का और कृष्णा भी भारतीय संस्कृति से जुड़ी हैं। उन्होंने हाल ही में बताया था कि कैसे अनुष्का ने पिछले महीने वेस्टमिंस्टर एब्बे में महारानी के प्लेटिनम जयंती समारोह के लिए अपने सहपाठियों के साथ कुचिपुड़ी का प्रदर्शन किया। सुनक ने कहा है कि, मैं इस संसद में कर कम कर दूंगा, लेकिन मैं इसे जिम्मेदारी से करने जा रहा हूं। मैं चुनाव जीतने के लिए कर कटौती की बात नहीं कहूंगा, मैं कर कम करने के लिए चुनाव जीतना चाहता हूं।