बोरिश जॉनसन के ब्रिटेन के प्रधानमंत्री की कुर्सी से हटने के बाद इस पद के लिए कई नए चेहरों का नाम सामने आया है। लेकिन, इन सबसे ऊपर भारतीय मूल के ऋषि सुनक हैं। बोरिश जॉनसन जब सत्ता में थे तभी से कहा जाने लगा था कि, ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री ऋषि सुनक हो सकते हैं। सुनक प्रधानमंत्री बनने से पहले ही एक्शन में आ गए हैं। उन्होंने चीन को पर सख्त होने का वादा करते हुए ड्रैगन को घरेलू और वैश्विक सुरक्षा के लिए 'नंबर वन खतरा' बताया है। ये जबाव उन्होंने सत्तारूढ़ कंजरवेटिव पार्टी की लिज ट्रस के उस बयान पर दिया जिसमें उऩ्होंने उन पर चीन और रूस पर कमजोर होने का आरोप लगाया था।
इससे पहले भी वो सुनक को ब्रिटेन-चीन संबंधों को विकसित करने पर एक स्पष्ट और व्यावहारिक दृष्टिकोण रखने वाला उम्मीदवार बताया था। ऐसे में सुनक का हालिया बयान चीनी प्रशासन के लिए भी झटके से कम नहीं है। सुनक ने दावा किया कि चीन 'हमारी तकनीक' चुरा रहा है और हमारे विश्वविद्यालयों में घुसपैठ कर रहा है। साथ ही चीन रूसी तेल खरीदकर विदेश में व्लादिमीर पुतिन को बढ़ावा दे रहा है। इसके अलावा ताइवान सहित पड़ोसियों को धमकाने के प्रयास में भी लगा हुआ है। उन्होंने चीन की वैश्विक बेल्ट एंड रोड योजना पर अपमानजनक ऋण के जरिए विकासशील देशों को दबाने का आरोप लगाया।
चीनी जासूसी से निपटने का तरीका
चीनी जासूसी से निपटने को लेकर सुनक ने कहा कि, हम अफनी यूनिवर्सिटीज से चीनी कम्युनिस्ट पार्टी को बाहर निकाल देंगे। साथ ही उच्च शिक्षा प्रतिष्ठानों को मिलने वाली £50,000 ($60,000) से अधिक की विदेशी फंडिंग का पता लगाएंगे। ब्रिटेन की घरेलू जासूसी एजेंसी MI5 का इस्तेमाल चीनी जासूसी से निपटने में मदद के लिए किया जाएगा। साइबर स्पेस में चीनी खतरों से निपटने के लिए नाटो-स्टाइल में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का प्रयास करेंगे।