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रूस को मिला भारत का साथ, PM Modi ने कहा Putin जिस चीज की जरूरत हो बस…

PM Modi से Putin बोलें... यही सही समय है उठा ले आप भी फायदा

रूस ने यूक्रेन पर जो हमला किया है उसके पीछे असली वजह देखा जाए तो अमेरिका और नाटो ही हैं। मिन्स्क समझौते के अनुसार इस बात पर शांति बहाल हुई थी कि यूक्रेन कभी भी नाटो में शामिल नहीं होगा और डोनबाज में लोगों पर हमले नहीं करेगा। इस मुखर समजौते पर यूक्रेन राजी तो हो गया लेकिन अमल नहीं हुआ। अमेरिका और नाटो तो यूक्रेन में चोरी छुपे रासायनिक व जैविक हथियारों को बना रहे थे और यह बात जब सामने आई तो इसा बदा दिया गया और उलटा प्रेपोगेंडा फैला दिया गया कि रूस अब यूक्रेन पर जैविक हथियारों से हमले करने वाला है जो कि सरकार अफवाह है। वहीं, रूस और भारत के बीच दोस्ती काफी समय से है और इस युद्ध में भी भारत का क्या स्टैंड होगा वो काफी मायने रखता है। फिलहाल भारत अपने आप को सेफ करके चल रहा है। लेकिन अब पुतिन भारत का साथ चाहते हैं।

रूस पर पश्चिमी देशों ने कई कड़े प्रतिबंध लगा दिए हैं। अमेरिका ने रूसी तेल के आयात पर रोक लगा दी है। ऐसे में रूस अपने कच्चे तेल एवं अन्य सामान को दुनिया में बेचने के लिए संघर्ष कर रहा है। रूस ने अपने मित्र देश भारत से ऐसी स्थिति में संपर्क किया है। इसे लेकर भारतीय अधिकारियों का कहना है कि सरकार रूस से डिस्काउंट प्राइस पर क्रूड ऑयल एवं अन्य चीजों को खरीदने पर विचार कर रही है। दो भारतीय अधिकारियों ने कहा है कि, रूस ने इस चीजों की डील रुपये-रूबल में करने की बात कही है।

भारत अपनी जरूरत का 80फीसदी तेल आयात करता है। इसमें से महज 2से 3फीसदी की खरीद ही अब तक रूस से होती रही है। लेकिन एक तरफ यूक्रेन संकट के बाद दुनिया में कच्चे तेल की कीमतों में 40फीसदी तक का इजाफा हो गया है तो दूसरी तरफ रूस सस्ते में कच्चा तेल बेचने को मजबूर है। भारत सरकार चाहती है कि यूक्रेन संकट के चलते कच्चे तेल की बढ़ी महंगाई का उस पर असर न हो। इसी रणनीति के चलते वह रूस से सस्ता तेल खरीदने की योजना तैयार कर रही है। इससे महंगाई के दौर में सरकार को तेल पर अपने खर्च को सीमित करने में मदद मिलेगी।

भारत सरकार के एक अधिकारी ने कहा है कि, रूस की ओर से तेल एवं अन्य चीजों को भारी डिस्काउंट पर ऑफर किया जा रहा है। हमें इसकी खरीद में कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन टैंकर, इंश्योरेंस कवर समेत कई चीजों पर ध्यान देना है। एक बार इन मुद्दों का हल निकल जाए तो फिर हम खरीद पर आगे बढ़ेंगे। दुनिया के कई देशों ने प्रतिबंधों के बाद से रूस से तेल खरीदने से इनकार कर दिया है। लेकिन भारतीय अधिकारियों का कहना है कि इन प्रतिबंधों का असर आयात पर नहीं होगा। अधिकारी ने कहा कि, फिलहाल रुपये-रूबल में ट्रेड का मेकेनिज्म तैयार किया जा रहा है।