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रूस ने हिरोशिमा पर गिरे परमाणु बम से भी पावरफुल मिसाइल छोड़ी, खत्म हो जाएगा पूरा यूक्रेन

रूस ने हिरोशिमा पर गिरे परमाणु बम से भी पावरफुल मिसाइल छोड़ी

रूस ने यूक्रेन पर हमले तेज कर दिया है। यूक्रेन के कई शहरों में रूस तेजी से गोलीबारी के साथ ही मिसाइलों से हमला कर रहा है। इस बीच रूस ने यूक्रेन पर किंजल मिसाइल गिराने का दावा किया है। उसका कहना है कि उशने पश्चिमी यूक्रेन में मौजूद हथियारों के जखीरे को नष्ट करने के लिए यह कदम उठाया है। रूस ने जिस किंजल मिसाइल से हमला किया है वो हीरोशिमा पर गिराए गए फैट मैन बम से 33गुना ज्यादा न्यूक्लियर पेलोड कैरी कर सकती है।

किंजल मिसाइल की खासियत

रूस की किंजल हवा में लांच होनी वाली एक हाइपर सोनिक मिसाइल है। इसकी रेंज 1500से 2000किमी बताई जाती है। यह 480किलो न्यूक्लियर पेलोड कैरी कर सकती है। यह मात्रा हीरोशिया पर गिराए गए फैट मैन बम से 33गुना ज्यादा है। हिंदी में किंजल का मतलब कटार होता है। मार्च 2018में राष्ट्रपति पुतिन ने अनावरण किया था। विशेषज्ञों का दावा है कि किंजल का कॉन्सेप्ट इस्कांदेर-एम जैसी जमीन से लांच होने वाली छोटी रेंज की बैलिस्टिक मिसाइलों से लिया गया है।

लांच होने के बाद किंजल 4900किमी प्रति घंटे की रफ्तार से स्पीड पकड़ती है। इसकी रफ्तार बढ़कर 12,350किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती है। इसके साथ ही यह भी माना जाता है कि, किंजल मिसाइल के हमला करने की क्षमता बेहद ही खतरनाक है। यह बहुत गहराई तक वार कर सकती है। रूसी राष्ट्रपति पुतिन किंजल को एक आदर्श हथियार बताते हैं। यह आवाज से 10गुना अधिक तेजी से उड़ान भरता और एयर डिफेंस सिस्टम को भेदने की क्षमता भी रखता है।

रक्षा मंत्रालय का दावा है कि रूस ने ये हमला अपनी नई Kinzhal हाइपरसोनिक मिसाइलों से किया है। इन मिसाइलों का यूक्रेन पर पहली बार इस्तेमाल हुआ है। इससे पहले दूसरी मिसाइलों से यूक्रेन के सैन्य ठिकानों और रिहायशी इलाकों को निशाना बनाया गया था। रूस के रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि, हाइपरसोनिक एरोबॉलिस्टिक मिसाइलों के साथ Kinzhal एविएशन मिसाइल सिस्टम ने इवानो-फ्रैंकिवस्क क्षेत्र के डेलियाटिन गांव में मिसाइलों और विमानों के गोला बारूद वाले एक बड़े अंडरग्राउड गोदाम को नष्ट कर दिया है। सरकारी समाचार एजेंसी आरआईए नोवोस्ती ने कहा कि जब से पश्चिम समर्थित यूक्रेन के खिलाफ मॉस्को ने विशेष सैन्य ऑपरेशन का ऐलान किया है, उसके बाद से ऐसा पहली बार है, जब Kinzhal हाइपरसोनिक हथियारों का इस्तेमाल किया गया है