अमेरिका पूरी दुनिया को एक साथ आने के लिए कह रहा है ताकि रूस पर लगाम लगा सके। लेकिन ये सच्चाई नहीं बता रहा है कि इस लड़ाई के पीछ असल हाथ उसी का है। अमेरिका लगातार यूक्रेन में अपनी गतिविधियां तेज किए हुए था। यहां तक कि वो यूक्रेन में बड़े पैमाने पर दुनिया की आड़ में रसायनिक व जैविक हथियारों को बना रहा था। अमेरिका यूक्रेन से रूस पर नजर रखऩा चाहता था। यही वजह है कि यहां पर हमले कि। वहीं, अमेरिका और नाटो रूस पर जितना कड़े प्रतिबंध लगा रहे हैं रूस उतने ही बड़ा हमला यूक्रेन पर कर रहा है।
रूसी मिसाइलों ने आज यूक्रेन पर फिर निशाना साधा। लीव स्थित एक मिलिट्री एयरक्राफ्ट कारखाने पर एक के बाद एक छह मिसाइलें दागी गईं। इनमें से दो मिसाइलों को नष्ट कर दिया गया। आधिकारिक दावे में किसी के हताहत होने की पुष्टि नहीं हुई है। वहीं एक बस कारखाना भी तबाह हुआ है। रूस के हमलों से इस वक्त लगभग यूक्रेन पूरी तरह बर्बाद हो चुका है लेकिन, राष्ट्रपति जेलेंस्की हिरो बनने के चक्कर में अपनी जनता को मौत के मुंह में झोंक दिए हैं।
यूक्रेनियन एयरफोर्स की पश्चिमी कमांड के मुताबिक यह मिसाइलें ब्लैक सी से लांच की गई थीं। घटना के चश्मदीद एक सिपाही का कहना है कि, सुबह करीब छह बजे उसने एक के बाद एक तीन धमाके सुने। नजदीक ही रहने वाले एक नागरिक ने बताया इस धमाके से उसकी बिल्डिंग हिल गई और लोगों में अफरा-तफरी देखी गई। उधर यूक्रेन और रूस आज 9 ह्यूमन कॉरिडोर पर सहमत हुए। यह कॉरिडोर मारियुपोल, सुमी, ट्रॉस्ट्यानेट्स, लेबेडिन, कोनोटोप, क्रास्नोपिल्या की बस्तियों और वेलेका पाइसारिवका में हो सकता है। यूक्रेन ने बालाक्लेया और इज़ियम, खार्किव ओब्लास्ट को मानवीय सहायता देने का प्लान बनाया है।