अमेरिका रूस को पहले ही सख्त चेतावनी दे रखा है कि अगर उसने यूक्रेन (Ukraine Russia Conflict) पर हमला किया तो वो कई सख्त कदम उठाएगा। कई ऐसे प्रतिबंध लगा देगा जिससे रूस के अर्थव्यवस्था पर काफी फर्क पड़ेगा। इसके साथ ही अमेरिका का कहना है कि अगर रूस ने यूक्रेन पर हमला किया तो सबसे पहले उसे नाटो सैनिकों का सामना करना होगा। लेकिन इन सब के बाद भी रूस को कोई फर्क नहीं पड़ा। अब कहा जा रहा है कि रूस ने यूक्रेन पर हमले के लिए पूरी तैयारी कर ली है और किसी भी वक्त हमला बोल सकता है। क्योंकि, यूक्रेन को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति और रूसी राष्ट्रपति की 62 मिनट बतचीत हुई और इसी के बाद से अफरा तफरी का माहौल बना हुआ है। क्योंकि, हमला रोकने से रूस ने साथ इंकार कर दिया है।
अमेरिका ने चेतावनी दी है कि रूस जल्द ही यूक्रेन पर हमला कर उसे अपने कब्जे में ले लेगा। जिसके बाद वहां अफरा तफरी जैसी स्थिति बन गई है। एक दर्जन से भी ज्यादा देशों ने अपने नागरिकों को यूक्रेन छोड़ने के लिए कहा है। अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी भी उन देशों में शामिल हैं, जिन्होंने अपने नागरिकों से यूक्रेन छोड़ने को कहा है। दूसरी ओर रूस ने यूक्रेन से लगी सीमा पर करीब 1 लाख सैनिकों की तैनाती की है लेकिन किसी तरह के हमले या कब्जे की बात से साफ इनकार किया है। इन सबके बीच शनिवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बात की।
इस बातचीत में बाइडेन ने पुतिन से एक बार फिर यूक्रेन की सीमा पर एक लाख से ज्यादा सैनिकों के जमावड़े को हटाने को कहा, साथ ही रूस को चेतावनी दी कि अगर वह यूक्रेन पर आक्रमण करता है तो अमेरिका और उसके सहयोगी दृढ़ता से जवाब देंगे और उसे इसकी भारी कीमत चुकानी होगी। यह जानकारी अमेरिकी राष्ट्रपति के कार्यालय व्हाइट हाउस ने दी है। बाइडेन ने पुतिन से कहा,आक्रमण का अंजाम व्यापक मानवीय पीड़ा होगी और रूस की छवि धूमिल होगी। इसके साथ ही उन्होंने पुतिन से कहा कि, अमेरिका यूक्रेन पर कूटनीति जारी रखेगा लेकिन अन्य परिदृश्यों के लिए भी समान रूप से तैयार है।
दोनों नेताओं मे 62 मिनट तक बात की। अमेरिका ने आगाह किया है कि रूस कुछ दी दिन में बीजिंग में चल रहे विंटर ओलंपिक के 20 फरवरी को समाप्त होने से पहले ही आक्रमण कर सकता है। रूस अपनी रणनीति में तेजी लाते हुए पड़ोसी देश बेलारूस में युद्धभ्यास कर रहा है जिसके चलते माना जा रहा है कि रूस बेलारूस से ही यूक्रेन पर हमला करेगा। क्योंकि, यहां से यूक्रेन की राजधानी 76 किलोमीटर से भी कम है।
वहीं, अमेरिका ने यूक्रेन के अपने दूतावास में काम कर रहे गैर जरूरी स्टाफ को देश छोड़ने के लिए कहा था। वह बाकी के कर्मचारियों को पोलैंड के पास यूक्रेन के सुदूर पूर्व क्षेत्र में भेज रहा है, ताकि हालात नियंत्रित होने तक किसी तरह का काम ना रुके। कनाडा भी अपने दूतावास के स्टाफ को यहीं भेज रहा है। वहीं, ब्रिटेन की राजदूत मेलिंडा सिमंस ने कहा है कि वह और उनकी टीम यूक्रेन की राजधानी कीव में ही रहेंगे।