जिस यूक्रेन को पश्चिमी देश दुनिया के सामने इतना भोला पेश कर रहे हैं वो इतना भी बेचारा नहीं है। दुनिया ये नहीं दिखा रही है कि जब 2015 में मिंस्क समजौता हुआ था कि यूक्रेन कभी नाटो देश में शामिल नहीं होगा। लेकिन, 2017 से अचानक से यूक्रेन नाटो में शामिल होने के लिए अपनी गतिविधियां तेज कर दिया जिसके बाद रूस ने कहा था कि इसका उल्लंघन करना भारी पड़ेगी। असल में अमेरिका और नाटो यूक्रेन को नाटो में शामिल बड़ा खेल करने वाले थे। वो यह कि वो इसके जरिए आसानी से रूस को काबू में कर लेते और पुतिन ऐसा बिल्कुल नहीं होने देते। इसके साथ ही नाटो में शामिल होने पर अमेरिका की चाल थी कि यूक्रेन के जरिए रूस में सीजफायर का उल्लंघन करता जिससे रूस हमला करता और ये नाटो देश मिलकर रूस पर हमला कर देते। ऐसे में रूस अगर आज यूक्रेन पर हमला नहीं करता तो एक दिन उसे यही यूक्रेन खून के आंसू रूलाता। अब ऐसा लगता है कि पुतिन ने इस युद्ध को खत्म करने की सोच ली है और यूक्रेन को गहरा चोट देने की रणनीति भी तैयार कर ली है।
दरअसल, यूक्रेन की सरकार की ओर से शनिवार को बड़ा बयान सामने आया। कहा कि रूसी सैनिकों ने मारियूपोल के बाहरी इलाकों में कब्जा कर लिया है। शनिवार सुबह से रूसी सेना का मारियूपोल समेत कई शहरों में हवाई हमला जारी था। रूस और यूक्रेन के बीच जंग को आज 17 दिन हो गए हैं। यूक्रेन सरकार ने अपने बयान में कहा कि रूसी सेना ने मारियूपोल के बाहरी इलाके में पूर्वी हिस्से पर कब्जा कर लिया है।
रूसी सेना अब यूक्रेन में निर्णायक जंग लड़ रही है। रूसी सेना के तेवरों से स्पष्ट है कि युद्ध ज्यादा दिन नहीं चलने वाला है। खबरों की माने तो रूसी सेना शनिवार सुबह से यूक्रेन की धरती पर तीन कोनों से टूट पड़ा है। राजधानी कीव, मारियूपोल और खारकीव समेत कई इलाकों में हवाई हमले कर रहा है।