यूक्रेन जंग के बीच अमेरिका लगातार दुनिया को धमकी दे रहा है कि अगर किसी ने रूस की मदद की तो वो उसे बर्बाद कर देगा। भारत को भी अमेरिका कई बार चेतावनी दे चुका है। अमेरिका चाहता है कि भारत रूस के खिलाफ बोले। लेकिन भारत और रूस के बीच संबंध गहरें हैं और जब-जब इंडिया को जरूरत पड़ी है तब-तब रूस सामने खड़ा रहा है। ऐसे में भारत इस वक्त रूस के साथ खड़ा है जिसके चलते पश्चिमी देश चीढ़े हुए है। बिते दिनों ही अमेरिका की ओर से कहा गया था कि भारत को रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों को ध्यान में रखते हुए कदम उठाना चाहिए। जिसपर रूस ने अेमरिका के मुंह पर करारा तमाचा मारते हुए कहा है कि भारत जो भी चाहे हम सप्लाई करने के लिए तैयार हैं।
दरअसल, रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव (Sergey Lavrov) इस वक्त अपने दिल्ली दौरे पर है। यहां उन्होंने कहा है कि, हम भारत को किसी भी सामान की आपूर्ति करने के लिए तैयार हैं, जो वह हमसे खरीदना चाहता है। हम चर्चा के लिए तैयार हैं। लावरोव ने कहा कि रूस और भारत के बीच बहुत अच्छे संबंध हैं। उनसे दब पूछा गया कि, क्या भारत पर अमेरिकी दबाव भारत-रूस संबंधों को प्रभावित करेगा? तो इसपर रूसी विदेश मंत्री ने कहा कि, मुझे कोई संदेह नहीं है कि कोई दबाव हमारी साझेदारी को प्रभावित नहीं करेगा। वे (अमेरिका) दूसरों को अपनी राजनीति का पालन करने के लिए मजबूर कर रहे हैं।
वहीं, यूक्रेन युद्ध को लेकर उन्होंने कहा कि, आपने इसे युद्ध कहा जो सच नहीं है। यह एक विशेष ऑपरेशन है, सैन्य बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया जा रहा है। हमारा उद्देश्य कीव शासन को रूस के लिए किसी भी खतरे को पेश करने की क्षमता के निर्माण से वंचित करना है। इसके साथ ही सुरक्षा सुनौतियों के मामले में भारत का समर्थर कैसे करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि, बातचीत उन संबंधों की विशेषता है जो हमने कई दशकों तक भारत के साथ विकसित किए हैं। संबंध रणनीतिक साझेदारी हैं। यह वह आधार था जिस पर हम सभी क्षेत्रों में अपने सहयोग को बढ़ावा दे रहे हैं।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, मेरा मानना है कि भारतीय विदेश नीतियों की विशेषता स्वतंत्रता और वास्तविक राष्ट्रीय वैध हितों पर ध्यान केंद्रित करना है। रूसी संघ में आधारित समान नीति और यह महें बड़े देशों, अच्छे दोस्त और वफादार भागीदार बनाती है।