ऐसा लगता है कि अब रूस रुकने वाला नहीं है। यूक्रेन पर लगातार रूसी सिपाही हमले कर रहे हैं और यूक्रेनी सैनिकों को अब भी उम्मीद है कि अमेरिका-नाटो उनकी मदद के लिए आएंगे। यह बात यूक्रेन को समझ जानी चाहिए कि पश्चिमी देश उसे जुमलों में फंसा रहे हैं और उनकी यही चाल ही थी कि अगर यूक्रेन नाटो में शामिल नहीं हुआ तो वो इस तरह षणयंत्र रचेंगे कि दोनों देशों के बीच हमले शुरू हो जाए और अंत में हुआ भी यही। आज आलम यह है कि यूक्रेन की मदद के लिए पश्चिमी देश सिर्फ बातें कर रहे हैं लेकिन सामने कोई नहीं खड़ा है और रूस पर एक के बाद एक कड़े प्रतिबंध लगाकर उसे पीछे ले जाना चाहते हैं। यूक्रेन को यह बात समझ आनी चाहिए कि उसके लिए हमेशा रूस खड़ा रहेगा ना कि पश्चिमी देश। लेकिन, अब बहुत देर हो चुकी है और रूस मानने वाला नहीं है। इसके साथ ही अमेरिका ने एक बार फिर से दुनिया को गुमराह और भड़काना शुरू कर दिया है कि अब रूस रासायनिक व जैविक हथियारों का इस्तेमाल करने वाला है। जबकि, रूस ने साफ मना कर दिया है।
अमेरिका दुनिया को यूक्रेन युद्ध को लेकर भड़का रही है। सिर्फ एक तरफा बातें हो रही हैं और इस युद्ध का असल वजह नहीं बताया जा रहा है। अब अमेरिका दुनिया में झूठ फैलाना शुरू कर दिया है कि रूस रासायनिक या जैविक हथियारों से हमले कर सकता है। अमेरिका के इसी बयान के बाद से रूस भड़क उठा है। रूस ने ऐसी किसी योजना से साफ इनकार कर दिया है। अमेरिका ने बकायदा बयान जारी करते हुए कहा है कि, रूस यूक्रेन पर जैविक या रासायनिक हथियार से महले की तैयारी कर रहा है, इस पर नजर रखनी चाहिए।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने दावा किया है कि रासायनिक व जैविक हमले की आशंका को लेकर हमारे पास चिंतित होने की अहम वजह है। संभव है रूस गलत कारण को आधार बनाकर रासायनिक हमला कर दे, वह पहले भी ऐसा करता आया है। साकी ने ट्वीट किया, 'हमें यूक्रेन में कथित अमेरिकी जैविक हथियार लैब और रासायनिक हथियारों के विकास के बारे में रूस के झूठे दावों पर ध्यान देना चाहिए। हमने चीन के अधिकारियों को भी देखा है कि वह इस तरह के दावों का समर्थन कर रहे हैं, जो एक सुनियोजित साजिश है।
यूक्रेन में रूस नहीं अमेरिका बना रहा था जैविक हथियार
अमेरिका के इस बयान के बाद रूस ने कहा है कि यह सरासर गलत है और अमेरिका भड़का रहा है। रूस ने दावा किया है कि, उसने यूक्रेन में ऐसे जैविक हथियारों को खोज निकाला है जो अमेरिका के नेतृत्व में यहां रखे गए हैं। इन जैविक गथियारों का मकसद सैन्य इस्तेमाल है।