अमेरिका जब रूस और यूक्रेन (Russia and Ukraine) जंग में कूदा था तो उसे आने वाले तूफान का अंदाजा नहीं था। अब हाल ही में रूस के काला सागर के ऊपर अमेरिकी ड्रोन विमान को टक्कर मारकर गिराने के बाद अब एक बार फिर से दोनों ही देशों के बीच फिर से तनातनी बढ़ गयी है। अमेरिका के परमाणु बम गिराने में सक्षम B-52H बॉम्बर और सुखोई-35 फाइटर जेट के बीच बाल्टिक सागर की टेंशन बढ़ी। अमेरिकी बॉम्बर रूसी सीमा के पास बढ़ रहा था और इसको देख रूसी सुखोई-35 फाइटर जेट ऐक्शन में आ गया। हालांकि बाद में अमेरिकी बॉम्बर के रूसी सीमा से हटने के बाद सुखोई फाइटर जेट वापस लौट गया।
इस दौरान रूस के रक्षा मंत्रालय कि तरफ से कहा गया की एक बाल्टिक सागर के ऊपर दो अमेरिकी बॉम्बर को रूसी सीमा के पास आता देख एक सुखोई 35 फाइटर जेट को रवाना किया गया। इससे पहले पिछले हफ्ते ही अमेरिकी निगरानी ड्रोन को रूसी सुखोई-27 फाइटर जेट ने टक्कर मारकर गिरा दिया था। यह घटना काला सागर में हुई थी। पिछले साल यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद पहली बार अमेरिका और रूस के बीच सीधी टक्कर हुई थी।
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अमेरिकी ड्रोन को कहां गिराया?
रूस ने कहा हमने अपने फाइटर जेट को इस वजह से भेजा ताकि अमेरिकी बॉम्बर हमारी सीमा का उल्लंघन नहीं कर सके। उसने यह भी कहा कि हमारे फाइटर जेट निर्दिष्ट इलाके तक पहुंचे थे। रूस ने कहा कि हमारे फाइटर पूरी तरह से अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन कर रहे थे। रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि देश की सीमा के उल्लंघन की अनुमति नहीं दी जाएगी। रूस ने आरोप लगाया है कि अमेरिका निगरानी विमानों की मदद से रूसी ठिकानों की जासूसी कर रहा है। इस सूचना को अमेरिका यूक्रेन को दे रहा है ताकि वह हमला करके उन्हें बर्बाद कर सके। रूस ने कहा कि इन विमानों को उड़ाकर अमेरिका उकसावे की कार्रवाई कर रहा है। रूस आने वाले समय में भी अमेरिकी कार्रवाई का हर तरह से मुंहतोड़ जवाब देगा।