अंतर्राष्ट्रीय

China को साइड कर रूस ने कहा- भारत को जल्द बनाया जाए UNSC का स्थायी सदस्य

India UNSC Permanent Membership: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत को स्थाई सदस्य (India UNSC Permanent Membership) बनाए जाने के पक्ष में पिछले कई वर्षों से कोशिश हो रही है। हर बार अमेरिका, रूस, ब्रिटेन और फ्रांस भारत की स्थाई सदस्यता का समर्थन करते हैं लेकिन, चीन अड़ंगा लगा देता है। इस बार भी अमेरिका समेत यूएनएसी के अन्य सदस्य देशों ने भारत को स्थाई सदस्य (India UNSC Permanent Membership) बनाए जाने का प्रस्ताव पेश किया है, लेकिन चीन इसके विरोध में है। यूएनएसी में स्थाई सदस्यता की ऐसी कौन सी शर्त है, जिससे सिर्फ एक देश के विरोध करने पर भारत को इसमें जगह नहीं मिल पा रही है। यदि चीन हमेशा भारत का विरोध यूं ही करता रहा तो क्या अपना देश कभी भी यूएनएससी का सदस्य नहीं बन पाएगा? उधर अमेरिका संग अब रूस ने भी, यूएनएसएसी में भारत को स्थायी सदस्य बनाने के लिए समर्थन किया है।

यह भी पढ़ें- India ने भरी महफिल में Pakistan की उतारी इज्जत- अब PM भी झूठ बोलने लगे

रूस ने कहा UNSC में शामिल हो भारत
भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य (India UNSC Permanent Membership) बनाने के लिए अब रूस ने भी इंडिया का समर्थन किया है। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा है कि, हम अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका के देशों के प्रतिनिधित्व के माध्यम से सुरक्षा परिषद को और अधिक लोकतांत्रिक बनाने की संभावना देखते हैं। खासकर भारत और ब्राजील को सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्य के रूप में जगह मिलनी चाहिए।

बाइडन ने भी सुधार की बात कही
इससे पहले 31 अन्य देशों के साथ भारत ने सुधारों पर एक संयुक्त बयान में कहा था कि स्थायी और गैर-स्थायी दोनों श्रेणियों में सुरक्षा परिषद का विस्तार होना चाहिए। साथ ही इसके काम करने के तरीकों में भी सुधार लाने की वकालत की गई थी। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन भी भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य बनाए जाने का समर्थन कर चुके हैं। इस दौरान उन्होंने जापान और जर्मनी को भी स्थाई सदस्य बनाने की बात कही थी। संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र में संबोधन के दौरान भी उन्होंने सुरक्षा परिषद में सुधार की बात दोहराई थी। बाइडन ने कहा कि सुरक्षा परिषद को और समावेशी बनाया जाए, ताकि यह आज की जरूरतों को बेहतर ढंग से पूरा कर सके।

वीटो को लेकर उन्होंने कहा कि, यह सिर्फ विशेष अथवा विषम परिस्थितियों में ही होना चाहिए, ताकि सुरक्षा परिषद की विश्वसनीयता और प्रभाव बना रहे। बाइडन प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि, हम पहले भी यह मानते थे और आज भी इस बात को मानते हैं कि, भारत, जापान और जर्मनी को सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनाया जाना चाहिए।

विदेश मंत्री बोले UNSC में सुधार की जरूरत
उधर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने संबोधन में UNSC में सुधार की बात कही है। उन्होंने कहा कि, भारत अधिक जिम्मेदारियां लेने के लिए तैयार है। इस तरह के महत्वपूर्ण मामलों पर गंभीर बातचीत हो। इसमें किसी भी देश को बाधा नहीं बनना चाहिए।

क्यों नहीं बन पा रहा भारत UNSC का सदस्य
दरअसल, द्वितीय विश्व युद्ध के बाद दुनिया भर में शांति और सुरक्षा कायम करने के मकसद से इस परिषद का गठन वर्ष 1945 में संयुक्त राष्ट्र चार्टर द्वारा किया गया। द्वितीय विश्व युद्ध 1939 से 1945 तक चला था। दुनिया के सर्वाधिक प्रभावशाली पांच देशों को इसका स्थाई सदस्य बनाया गया। इनमें अमेरिका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन और चीन शामिल हैं। इसके अतिरिक्त 10 अन्य देशों को रोटेशन के तौर पर दो-दो वर्षों के लिए अस्थाई सदस्यता दी जाती रहती है। इसका मुख्यालय न्यूयॉर्क में है।

यह भी पढ़ें- रूस की नई चाल से सदमे में Zelensky, अब पूरे Ukraine पर हो जाएगा कब्जा!

कैसे चीन लगाता है अडंगा
यूएनएससी का निर्णय सभी मामलों में अनिवार्य है। इसके पांचों स्थाई सदस्य में से किसी एक की असहमति होने पर प्रस्ताव पारित नहीं होता। इसीलिए किसी भी प्रस्ताव के पक्ष में पांचों देशों का होना अनिवार्य हैं। इसी का चीन फायदा उठाता है, जब भी चार देश भारत के पक्ष में वोटिंग करते हैं तो वो खिलाफ में करता है जिसके चलते इंडिया इसकी सदस्यता से दूर है। यदि चार देश किसी एक प्रस्ताव में पक्ष हैं तो पांचवां देश इसमें अपना वीटो पॉवर लगाकर प्रस्ताव के विपक्ष में वोट कर देता है। ऐसे में प्रस्ताव गिर जाता है। यही शर्तें हर बार भारत को यूएनएससी में स्थाई सदस्य बनाने के मामले में भी लागू हो रही हैं। यहां अमेरिका, रूस, फ्रांस और ब्रिटेन तो भारत के पक्ष में अपना मत देते हैं, लेकिन चीन हर बार वीटो पॉवर लगाकर इसे होने नहीं देता। वह भारत को स्थाई सदस्य नहीं बनने देना चाहता।

आईएन ब्यूरो

Recent Posts

खून से सना है चंद किमी लंबे गाजा पट्टी का इतिहास, जानिए 41 किमी लंबे ‘खूनी’ पथ का अतीत!

ऑटोमन साम्राज्य से लेकर इजरायल तक खून से सना है सिर्फ 41 किमी लंबे गजा…

7 months ago

Israel हमास की लड़ाई से Apple और Google जैसी कंपनियों की अटकी सांसे! भारत शिफ्ट हो सकती हैं ये कंपरनियां।

मौजूदा दौर में Israelको टेक्नोलॉजी का गढ़ माना जाता है, इस देश में 500 से…

7 months ago

हमास को कहाँ से मिले Israel किलर हथियार? हुआ खुलासा! जंग तेज

हमास और इजरायल के बीच जारी युद्ध और तेज हो गया है और इजरायली सेना…

7 months ago

Israel-हमास युद्ध में साथ आए दो दुश्‍मन, सऊदी प्रिंस ने ईरानी राष्‍ट्रपति से 45 मिनट तक की फोन पर बात

इजरायल (Israel) और फिलिस्‍तीन के आतंकी संगठन हमास, भू-राजनीति को बदलने वाला घटनाक्रम साबित हो…

7 months ago

इजरायल में भारत की इन 10 कंपनियों का बड़ा कारोबार, हमास के साथ युद्ध से व्यापार पर बुरा असर

Israel और हमास के बीच चल रही लड़ाई के कारण हिन्दुस्तान की कई कंपनियों का…

7 months ago