India Slams Pakistan on Kashmir: पाकिस्तान का नाम सुनते ही हर किसी के जेहन में एक ही चीज आता है वो है आतंकवाद। पाकिस्तान ने आतंकवाद को खुब पाला पोसा, इतना आतंकियों को पनाह दे दिया कि आज यही उसके लिए नासूर बन बैठे हैं। पाकिस्तान के आतंकी मुल्क को दो टूकड़े करने की बात करते हैं। लेकिन, इसके बाद भी यहां के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री को कश्मीर याद आता है। हालत ऐसी की कटोरा लेकर दुनिया से पाकिस्तान भीख मांग रहा है लेकिन, दूसरी ओर कश्मीर (India Slams Pakistan on Kashmir) के नाम पर अपनी बेइज्जती करवा रहा है। दरअसल, पाकिस्तान ने UNGA में एक बार फिर से कश्मीर का राग अलापा है। दूसरी ओर वो भारत संग शांति की बात कर रहा है। ये पाकिस्तान है एक मुंह से दो बातें कर सकता है। खैर भारत ने कश्मीर (India Slams Pakistan on Kashmir) राग पर उसकी औकात भी दिखा दी है।
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पाकिस्तान प्रधानमंत्री की दोमुंही बातें
ये पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ हैं जो एक ओर दुनिया से मदद की गुहार लगा रहे हैं तो दूसरे ओर कश्मीर राग अलाप रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में शरीफ एक ओर भारत के साथ शांति की बात करते हैं, अगले ही पल कश्मीर का राग छेड़ देते हैं। शरीफ ने UNGA के सामने कहा कि ‘हम भारत सहित अपने सभी पड़ोसियों के साथ शांति चाहते हैं। हालांकि, दक्षिण एशिया में स्थायी शांति और स्थिरता जम्मू-कश्मीर विवाद के न्यायसंगत और स्थायी समाधान पर निर्भर है।’ इससे चंद मिनट पहले ही शरीफ भारत से शांति के लिए ‘अनुकूल माहौल’ बनाने की ‘भीख’ मांग रहे थे। वो कहते हैं कि, मुझे लगता है कि अब समय आ गया है कि भारत इस संदेश को समझे कि दोनों देश एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। युद्ध कोई विकल्प नहीं है, केवल शांतिपूर्ण संवाद ही मुद्दों को हल कर सकता है ताकि आने वाले समय में दुनिया और अधिक शांतिपूर्ण हो जाए। शरीफ को ये बात समझ लेनी चाहिए कि पाकिस्तान को युद्ध की बातें शोभा नहीं देती हैं, क्योंकि- जब-जब पाकिस्तान ने हमला किया हर बार मुंह की खाया है। ऊरी और पुलवामा के बाद तो कत्तई नहीं करना चाहिए क्योंकि, इस बार भारत ने उसे घर में घुस कर मारा है। ऐसे में शाहबाज शरीफ को अपने मुल्क में मुल समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए और इसपर जोर देना चाहिए कि कैसे आतंकवाद को खत्म किया जाए। खैर आतंकवाद और पाकिस्तान का रिश्ता तो जन्मों-जन्म तक का है। ये खत्म नहीं होने वाला।
शरीफ को होमवर्क ठीक से करके आना चाहिए था
पाकिस्तान प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ आगे कहते हैं कि, भारत को रचनात्मक जुड़ाव के लिए अनुकूल माहौल बनाने के लिए विश्वसनीय कदम उठाने चाहिए। हम पड़ोसी हैं और हमेशा के लिए हैं, चुनाव हमारा है कि हम शांति से रहें या एक-दूसरे से लड़ते रहें।’ उन्होंने कहा कि ‘1947 के बाद से हमने 3 युद्ध किए हैं और इसके परिणामस्वरूप दोनों तरफ केवल दुख, गरीबी और बेरोजगारी बढ़ी है। अब यह हम पर निर्भर है कि हम अपने मतभेदों, अपनी समस्याओं और अपने मुद्दों को शांतिपूर्ण बातचीत और चर्चा के माध्यम से हल करें। शरीफ को ये बोलने से पहले लगता है कि अपना होमवर्क ठीक से करके नहीं आए थे। भारत आज दुनिया के साथ कंधा से कंधा मिला कर चल रहा है, हर एक क्षेत्र में तेजी से विकास कर रहा है। दुनिया के बड़े से बड़े नेता भारत संग जुड़ना चाहते हैं।
अब बात पाकिस्तान की करते हैं…. वो आतंकवाद में जकड़ा हुआ है, सऊदी अरब से लेकर आईएमएफ के आगे कटोरा लेकर खड़ा है। मुल्क दो टुकड़ों में बटने की ओर है। चीन के साथ दोस्ती कर आर्थिक रूप से कमजोर हो चुका है। कुल मिलाकर पाकिस्तान बेहद बुरी परिस्थिति से गुजर रहा है। शरीफ को अपने मुल्क की हालत देखते हुए उसपर काम करना चाहिए। न की भारत के साथ तुलना करें।
भारत ने दिखाई पाकिस्तान को औकता
भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान को उसके ही अंदाज में जवाब दिया है। भारत ने इस दौरान कहा, भारत पर झूठे आरोप लगाने से पहले पाकिस्तान को अपने देश की हालत देखनी चाहिए। भारत ने साफ किया कि जम्मू-कश्मीर पर बोलने से पहले पाकिस्तान को इस्लामाबाद से ‘सीमा पार आतंकवाद‘ को रोकना चाहिए। यह बात भारत की ओर से भारतीय मुख्य राजदूत मिजिटो विनिटो ने कहीय़ उन्होंने इस जवाब के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा में ‘राइट ऑफ रिप्लाई’ का उपयोग किया है। उन्होंने कहा कि, पाकिस्तान में जब दलित समुदाय से हजारों महिलाओं को जानबूझ कर अगवा किया जाता है, ऐसी मानसिकता पर हम क्या निष्कर्ष निकाल सकते हैं।
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भारत का नाम लेकर शाहबाज शरीफ अपने देश में हो रही घटनाओं पर पर्दा डाल रहे
इसके आगे उन्होंने कहा कि, यह बहुत दुख की बात है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने इस प्लेटफार्म को भारत पर झूठे आरोप लगाने के लिए इस्तेमाल किया है। उन्होंने ऐसा इसलिए किया ताकि वह अपने देश में हो रही घटनाओं पर पर्दा डाल सकें, और भारत के खिलाफ अपने बर्ताव को उचित ठहरा सकें जो कि पूरे विश्व को गवारा नहीं है। उन्होंने आतंकवाद पर भी पाकिस्तान को खरी-खोटी सुनाई और कहा, एक देश जो दावा करता है कि वह अपने पड़ोसियों के साथ शांति चाहता है, वह कभी भी सीमा पार आतंकवाद को प्रायोजित नहीं करेगा और न ही मुंबई आतंकवादी हमले के योजनाकारों को आश्रय देगा।