Russia Move in Ukraine: यूक्रेन पर रूस का हमला जेलेंस्की के अकड़ का परिणाम है। अगर जेलेंस्की चाहे होते तो ये जंग कभी होती ही नहीं, लेकिन उन्होंने न तो रोकने की कोशिश की और न ही बातचीत करने की। लाखों लोगों की जिंदगी बरबाद और यूक्रेन को तबाह करने वाला कोई और नहीं बल्कि जेलेंस्की खुद है। उन्होंने कभी चाहा ही नहीं कि ये युद्ध रुके क्योंकि, जेलेंस्की को अमेरिका और पूरे पश्चिमी देशों का समर्थन प्राप्त है। इस जंग के दौरान जेलेंस्की और पश्चिमी देश जमकर झूठ बोलते रहे। अब रूस ने जेलेंस्की को ऐसा दर्द दिया है कि, वो झटपटा उठे हैं। रूस ने जब-जब युद्ध की रणनीति बदली (Russia Move in Ukraine) तब-तब जेलेंस्की को तबाही देखनी पड़ी है। अब रूस नया पैंतरा (Russia Move in Ukraine) आजमाने जा रहा है जिससे जेलेंस्की टेंशन में आ गए हैं।
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खबरों की माने तो, रूस ने यूक्रेन के कब्जा किए गए क्षेत्रों में जनमत संग्रह शुरू किया है। रूसी अधिकारियों के मुताबिक, इस जनमत संग्रह से यह निर्धारित होगा कि ये क्षेत्र रूस का अभिन्न हिस्सा बनना चाहते हैं या नहीं। कहा जा रहा है कि, यह जनमत संग्रह एक प्रकार से रूस की शह पर हो रहा है। रूस की इस चाल पर यूक्रेन और उसके समर्थक पश्चिमी देशों में खलबली मच गई है। रूस के इस कदम को यूक्रेन पर कब्जे की ओर बढ़ाये गए एक कदम के तौर पर देखा जा रहा है।
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इन दो क्षेत्रों में मतदान शुरू
यूक्रेन के क्षेत्रों को अपना हिस्सा बनाने के लिए रूस की ओर से लुहांस्क, जापोरिज्जिया और दोनेत्स्क क्षेत्र में मतदान शुरू कर दिया गया है। वहीं खबर है कि वहीं खेरसॉन में भी शुक्रवार सुबह से मतदान शुरू हो गया। इन क्षेत्रों पर रूस का आंशिक और पूर्ण रूप से कब्जा है। बता दें कि, जनमत संग्रह से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 3,00,000 रिजर्विस्ट (आरक्षित सैनिक) की आंशिक तैनाती की घोषणा की थी। अधिकारियों का कहना है कि यह निर्धारित करने के लिए मतदान हो रहा है कि लोग इन क्षेत्रों को रूस में शामिल किए जाने की इच्छा रखते हैं अथवा नहीं। माना जा रहा है कि परिणाम रूस के पक्ष में रहने की उम्मीद है।