रूस की सेना ने 100 से ज्यादा नए टेंकों को शामिल कर लिया है, जिसमें अत्याधुनिक टी-90एम टैंक भी है। वहीं, हाल ही में जर्मनी और ब्रिटेन ने क्रमश: लेपर्ड-2 और चैलेंजर-2 टैकों का पहला बैच यूक्रेन को दिया है। इन टैंकों का उपयोग यूक्रेनी सेना रूसी सेना के खिलाफ युद्ध में करेगी। ये दोनों टैंक नाटो के सबसे शक्तिशाली मुख्य युद्धक टैंकों में शामिल हैं। दूसरी तरफ रूस ने भी खतरे को देखते हुए अपनी सेना में 100 से अधिक नए टैंकों को शामिल कर लिया है। रूसी रक्षा उत्पादन करने वाली सरकारी कंपनियों ने इन टैंकों को बनाया है।
शामिल हुए टी-90 और टी-72 के अपग्रेडेड वेरिएंट
रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि आज रूसी रक्षा उद्योग ने सैकड़ों युद्धक टैंकों को रूसी सेना को सौंपा है। इन टैंकों को हाल में ही असेंबली लाइन से युद्ध क्षेत्रों में तैनाती के लिए भेजा गया है। इनमें सबसे ज्यादा अत्याधुनिक टी-90एम टैंक और हाल में ही अपग्रेड हुआ T-72B3M टैंक शामिल हैं। इसके अलावा रूस ने दावा करते हुए कहा है कि ये दोनों टैंक अपनी सामरिक और तकनीकी विशेषताओं के दम पर किसी भी टैंक को हरा सकते हैं। इनमें हाई एक्सप्लोसिव गोला-बारूद फायर करने की क्षमता है। नया फायर कंट्रोल सिस्टम भी लगाया गया है।
ये रूसी टैंक बदल सकते हैं युद्ध का माहौल
रूस ने अपने इन नए टैंकों को लेकर दावा किया है कि हम विश्वास के साथ कह सकते हैं कि T-90M और T-72B3M उन टैंक युद्ध के मैदान का माहौल बदल सकते हैं। ये अत्याधुनिक तकनीकों से लैस हैं। इनमें ऐसी तकनीक का इस्तेमाल किया गया है, जो यूक्रेन के पास बिलकुल नहीं है और नाटो देश निकट भविष्य में उसे विकसित करेंगे। इसके अलावा T-90M और T-72B3M टैंक अत्याधुनिक रिएक्टिव आर्मर से लैस हैं, जो लगभग सभी एंगल से एंटी टैंक हथियारों से रक्षा कर सकते हैं। इनका आर्मर भी पहले के मुकाबले काफी शक्तिशाली है।
हथियारों के गोदाम भरे हुए हैं- रूस
दरअसल, पश्चिमी देशों ने दावा किया था कि रूसी हथियारों के गोदाम खाली हो चुके हैं। उनकी रक्षा इकाइयां कच्चा माल न मिलने से हथियारों का समय पर उत्पादन नहीं कर पा रही हैं। मगर, रूस ने इन दावों को खारिज किया है और खुद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि उनके देश के हथियारों के गोदाम भरे हुए हैं। उनमें कई ऐसे हथियार हैं, जिनका अभी तक इस्तेमाल नहीं किया गया है।