यूक्रेन संकट को लेकर अमेरिका और पूरा पश्चिमी देश रूस के खिलाफ है। अमेरिका ने दुनिया को साफ चेतावनी दे रखी है कि जो भी देश रूस का मदद करेगा वो उसे बर्बाद कर देगा। इसके साथ ही अमेरिका और नाटो मिलकर रूस के खिलाफ कड़े से कड़े प्रतिबंध लगाकर उसे आर्थिक रूप से तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। इसके साथ ही रूस से तेल खरीद पर भी पाबंदियां लगा दी है। इसके साथ ही पश्चिमी देश यूक्रेन को भारी मात्रा में रूस के खिलाफ लड़ने के लिए हथियार उपलब्ध करा रहे हैं। पुतिन पहले ही कह चुके थे कि जो भी देश यूक्रेन की मदद करेगा वो उसे इस युद्ध का हिस्सा समझेंगे। अब उन्होंने पश्चिमी देशों को साफ तौर पर चेतावनी दी है।
जंग के बीच व्लादिमीर पुतिन पहली बार मॉस्को से बाहर निकले हैं। वो रूसी अंतरिक्ष केंद्र के दौरे पर गए हैं, जहां उन्होंने कहा कि, रूस को अलग-थलग करने की कोशिश कामयाब नहीं होगी। उन्होंने कहा कि, यह युद्ध नहीं बल्कि, 'श्रेष्ठ' मिशन है, जो अपने लक्ष्यों को पूरा करेगा। वहीं, इस वक्त रूस के खिलाफ पश्चिमी देश साजिशें रच रहे हैं। उनके साथ ही यूक्रेन का कहना है कि, रूस इस जंग में रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल कर रहा है। लेकिन, रूस ने ऐसा करने से साफ इनकार कर दिया है। एडुआर्ड बासुरिन ने इंटरफैक्स न्यूज एजेंसी से बातचीत में साफ कहा कि रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल नहीं हुआ है।
रूसी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता मेजर जनरल इगोर कोनाशेंकोव ने भी कहा है कि, सेना ने हवा और सागर से दागी जाने वाली मिसाइलों का इस्तेमाल हथियारों के डिपो और जंगी जहाजों के हैंगर को ध्वस्त करने में किया है। ये ठिकाने स्तारोकोस्तियांतिनिव और खमेलनिस्त्सकी इलाके में हैं। कोनाशेंकोव का कहना है कि एक और हमले ने कीव के पास हावरलिव्का के हथियार डिपो को ध्वस्त कर दिया है।