यूक्रेन पर रूस की सैन्य कार्रवाई को शुरू हुए अब दो महीने से ज्यादा हो गया है। आज इस सैन्य अभियान का 61वां दिन है। इस दो महीनों में यूक्रेन पूरी तरह बर्बाद हो गया है लेकिन, वो हार मानने के लिए तैयार नहीं है। क्योंकि, पश्चिमी देशों से उसे भारी हथियार, मिसाइलें, गोला-बारूद, फाइटर जेट्स संग आर्थिक रूप से भी मदद मिल रही है। यूक्रेन के बहाने अमेरिका और नाटो रूस को बर्बाद करना चाहते हैं यही वजह है कि इस जंग में ये इतना दिलचस्पी ले रहे हैं। इधर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन कई बार चेतावनी दे चुके हैं कि जो भी देश यूक्रेन का साथ देगा वो उसे इस युद्ध में लिप्त समझेंगे और बाद में उसके खिलाफ भी कार्रावही की जाएगी। जंग के बीच अमेरिका लगाता रूस को भड़काने का काम कर रहा है। अमेरिकी विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री के कीव पहुंचने के बाद रूस ने असली खतरे की चेतावनी दी है।
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन और रक्षामंत्री लॉयड ऑस्टिन ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से मुलाकात की जिसमें उन्होंने मदद के लिए वादा दिया। अमेरिका ने कहा, यूक्रेन में रूस के आगे बढ़ने की रफ्तार धीमी हुई है। यूक्रेन युद्ध में रूस नाकाम रहा है। इसी दौरान समाचार एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार, रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने 'असली' खतरे तीसरे विश्व युद्ध की चेतावनी दी है।
वहीं, ब्रिटेन ने कहा है कि मॉस्को को अभी तक देश के पूर्वी औद्योगिक क्षेत्र में अपने हमलों में अहम सफलता नहीं मिली है। जेलेंस्की से मुलाकात में अमेरिकी विदेश मंत्री और रक्षामंत्री ने कहा कि अमेरिका ने 16.5 करोड़ डॉलर के गोला-बारूद की बिक्री को मंजूरी दी है और वह यूक्रेन को विदेशी सैन्य वित्त पोषण से 30 करोड़ डॉलर से अधिक की मदद देगा। जेलेंस्की व अन्य यूक्रेनी अफसरों से मुलाकात के एक दिन बाद पोलैंड में ब्लिंकेन ने कहा, हमने जो रणनीति बनाई है, उसमें यूक्रेन के लिए बड़े पैमाने पर समर्थन, रूस के खिलाफ भारी दबाव व 30 से अधिक देशों के साथ एकजुटता के नतीजे शामिल हैं। ब्लिंकेन ने कहा, जब रूसी युद्ध के मकसद की बात आती है, तो रूस नाकाम हो रहा है। वह यूक्रेन की आजादी व संप्रभुता छीनने में नाकाम रहा है।
वहीं, यूक्रेन हमले को लेकर चले बैठक में यूक्रेन ने डोनबाज में रूसी अभियान के खिलाफ ज्यादा शक्तिशाली हथियारों के लिए पश्चिमी देशों पर दबाव बना रहा है। जेलेंस्की ने अमेरिकी सहायता के लिए आभार जाता। अमेरिकी रक्षामंत्री लॉयड ऑस्टिन ने कहा, यूक्रेन में लड़ाई की प्रकृति अब बदल गई है और रूस ने डोनबास के पूर्वी औद्योगिक गढ़ पर ध्यान केंद्रित करने के लिए उत्तरी क्षेत्र से खुद को दूर खींच लिया है। लड़ाई की प्रकृति अब व्यापक हो गई है, इसलिए यूक्रेन की सैन्य जरूरतें भी हैं और ज़ेलेंस्की अब अधिक टैंक, तोपखाने, अन्य हथियारों पर ध्यान दे रहे हैं। ऑस्टिन ने कहा, हम यूक्रेन को एक संप्रभु देश के रूप में देखना चाहते हैं।