श्रीलंका को अपनी कर्ज में जाल में चीन ने ऐसे फंसाया की आज मुल्क पूरी तरह से तबाह हो चुका है। आजादी के बाद से इतिहास में पहली बार श्रीलंका की अर्थव्यवस्था इतनी बिगड़ी है। श्रीलंका की इस वक्त सबसे ज्यादा कोई मदद कर रहा है तो वो है भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस वक्त कभी चावल भेजकर तो कभी डीजल, दवा भेजकर श्रीलंका की मदद कर रहे हैं। इसके साथ ही आर्थिक रूप और कई और तरह से भारत मदद कर रहा है।
भारत ने अपनी पड़ोस प्रथम नीति को प्राथमिकता देते हुए श्रीलंका को सहायता देने का फैसला किया है। श्रीलंका में नए साल के जश्न से पहले भारत ने 11,000 मीट्रिक टन चावल मंगलवार को कोलंबो भेजा। श्रीलंका में भारतीय दूतावास के मुताबिक, चेन ग्लोरी जहाज पर चावल कोलंबो पहुंचे। श्रीलंका में नया साल आम तौर पर 13 अप्रैल या 14 अप्रैल को मनाया जाता है और परंपरागत रूप से अमावस्या को देखते ही इसकी शुरुआत होती है। दूतावास ने कहा कि पिछले एक हफ्ते में भारत ने श्रीलंका को अपने बहु-आयामी समर्थन के तहत 16,000 मीट्रिक टन से अधिक चावल की आपूर्ति की है। उन्होंने कहा कि यह आपूर्ति भारत और द्वीप राष्ट्र के बीच विशेष बंधन को दर्शाती है।
11,000 MT rice from #India reached #Colombo on board ship Chen Glory today ahead of New Year celebration by people of 🇱🇰. 16,000 MT rice supplied under 🇮🇳's multi-pronged support to 🇱🇰 in the past week alone.These supplies which mark the special bond between 🇮🇳&🇱🇰 will continue. pic.twitter.com/PF3yE626hl
— India in Sri Lanka (@IndiainSL) April 12, 2022
बता दें कि, श्रीलंका में आर्थिक संकट को देखते हुए भारत मदद कर रहा है। भारत ने ईंधन, सब्जियां, दैनिक राशन सामग्री और दवाओं की आपूर्ति कर देश की मदद के लिए कदम आगे बढ़ाया है। श्रीलंका को अबतक भारत ने 270,000 मीट्रिक टन से अधिक ईंधन की आपूर्ति कर चुका है और इससे पहले द्वीप राष्ट्र की डूबती अर्थव्यवस्था को किनारे करने में मदद करने के लिए एक और 1 बिलियन अमरीकी डालर के ऋण की घोषणा कर चुका है।