भारी आर्थिक संकट से गुजर रहे श्रीलंका में इस वक्त तेल, रासन, दवा से लेकर लगभग हर चीजों की दामों में भारी बढ़ोतरी हो गई है। आजादी के बाद से इतिहास में पहली बार श्रीलंका की अर्थव्यवस्था इतनी बिगड़ी है। हाल की सालों में इन देशों में चीन ने तेजी से विस्तार किया है। ऐसे में जिन-जिन देशों को चीन ने लालच दिया है वो-वो देश उसकी कर्ज जाल में फंसते जा रहे हैं। श्रीलंका को भारत लगातार मदद कर रहा है। चीन ने श्रीलंका को बीच मजधार में छोड़ दिया है। ऐसे में भारत देवदूत की तरह सामने आया है श्रीलंका की हर एक तरह से मदद कर रहा है। इस बीच खबर आ रही है कि, श्रीलंका ने डीजल और पेट्रोल की बिक्री पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही भारत को इमरजेंसी मैसेज भेजा है।
श्रीलंका ने आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी ईंधन की बिक्री पर दो सप्ताह के लिए रोक लगा दी है। इसके साथ ही प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों से कहा है कि, वे वर्क फ्रॉम होम करें क्योंकि, तेल की सप्लाई नहीं आ रही है। सरकार के प्रवक्ता बंदुला गुणवर्धन ने कहा, आज आधी रात से स्वास्थ्य क्षेत्र जैसी आवश्यक सेवाओं को छोड़कर किसी को भी ईंधन नहीं बेचा जाएगा। हम अपने पास मौजूद थोड़े से भंडार को संरक्षित करना चाहते हैं। श्रीलंका में जारी आर्थिक संकट के बीच देश में केवल 1,100टन पेट्रोल और 7,500टन डीजल बचा है, जो एक दिन के लिए भी पर्याप्त नहीं है
श्रीलंकाई तेल और गैस कंपनी सीलोन पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (CPC) व्यापार संगठन का कहना है कि, श्रीलंका में हाल में ईंधन की कोई भी ताजी खेप नहीं आई है। बिजली और ऊर्जा मंत्री कंचना विजेसेकरा ने इससे पहले कहा था कि कोलंबो में ईंधन की नयी खेप आने की उम्मीद है। उन्होंने रविवार को कहा कि वह यह नहीं बता सकते हैं कि नयी खेप कब तक आएगी। इसके साथ ही, ईंधन कंपनियां भुगतान के लिए श्रीलंका को अंतरराष्ट्रीय गारंटी पर ईंधन बेचना चाहती है और स्थानीय बैंक द्वारा भुगतान की गारंटी पर ईंधन देने को तैयार नहीं है। सीपीसी के सूत्रों ने कहा कि श्रीलंका आवश्यक भुगतान करने और अंतरराष्ट्रीय बैंक गारंटी प्रदान करने में विफल रहा है। श्रीलंका को अंतरराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा ब्लैकलस्टि कर दिया गया है क्योंकि वह अपने ऋणों का भुगतान करने में चूका है।
ईंधन की ब्रिकी पर रोक लगाते ही श्रीलंका ने भारत से बात की है। श्रीलंकआई उच्चायुक्त मिलिंडा मोरागोडा ने पोट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पूरी के साथ अपे देश की तत्काल ऊर्जा आवश्यकताओं पर चर्चा की है। मोरागोडा ने पुरी को मुश्किल चुनौतियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने भारत को बताया कि श्रीलंकाल पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति और वितरण के संबंध में मुश्किलों का सामना कर रहा है और लोगों को गंभीर कठिनाइयों से गुजरना पड़ रहा है। ईंधन खरीदने के लिए ऋण देने वाले भारत को धन्यवाद देते हुए, मोरागोडा ने पुरी के साथ तत्काल आधार पर आवश्यक पेट्रोल और डीजल आपूर्ति हासिल करने की संभावना पर चर्चा की। पुरी ने श्रीलंका को हर संभव समर्थन का आश्वासन दिया है।