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Sweden Communal Riots: स्वीडन में क्यों भड़की मुसलमानों के खिलाफ हिंसा, क्यों जलाई जा रही है कुरान!

Sweden Quran Burnings

स्वीडन जैसे देश में सांप्रदायिक दंगे क्यों हो रहे हैं, कुरान को आग के हवाले क्यों किया जा रहा है, क्या स्वीडन जैसे दंगे यूरोपीय महाद्वीप के अन्य देशों में फैलने की आशंका है? ये ऐसे तमाम सवाल हैं जिनका जवाब न ढूंढ़ा गया तो इस्लाम बनाम अन्य संप्रदाय की समस्य गहराती जाएगी। दरअसल, ब्रिटेन सहित यूरोपीय देशों में जहां-जहां मुसलमानों की संख्या 35 फीसदी से ज्यादा हो चुकी है वहां मुसलमानों में कट्टरपंथ बढता जा रहा है। मुस्लिम बहुल्य इलाकों में शरिया लागू करने की मांग तेज हो रही है। इन देशों के मुसलमान दूसरे संप्रदायों के प्रति ज्यादा असहिष्णु और हिंसक होते जा रहे हैं। इन हालातों में स्वीडन जैसे देशों के मूल निवासियो को अहसास होने लगा है कि उनकी सांस्कृतिक पहचान पर इस्लामीकरण भारी पड़ रहा है। इसीलिए मुसलमानों को स्वीडन से बाहर करने की मांग और कुरान को जलाने जैसी घटनाएं हो रही हैं।  

यूरोपीय देश स्‍वीडन में कुरान को जलाए जाने की घटना के बाद पिछले 4 दिनों से बवाल मचा हुआ है। स्‍वीडन के कई शहरों में दंगे भड़क उठे हैं। कुरान को जलाए जाने की घटना को धुर दक्षिणपंथी इस्‍लाम विरोधी गुट ने अंजाम दिया है। इस संगठन ने ऐलान किया है कि वह आगे अभी और कुरान को जलाए जाने की घटना को अंजाम देगा।

स्‍वीडन में पिछले 4 दिनों से चल रहे दंगे की वजह से कई शहरों में पत्‍थरबाजी की घटनाएं हुई हैं। स्‍ट्राम कुर्स या हार्ड लाइन संगठन का नेतृत्‍व करने वाले डेनिस-स्‍वीडिश अतिवादी रासमूस पालूदान ने ऐलान किया है कि उसने कुरान को जलाया है और वह आगे भी इसे अंजाम देगा। स्‍वीडन के शहर नोरकोपिंग में 3 दंगाई पुलिस की गोलीबारी में घायल हो गए हैं और उन्‍हें अस्‍पताल ले जाया गया

इस बीच सऊदी अरब ने कुरान को जलाने और स्‍वीडन में मुस्लिमों के खिलाफ उकसावे की कार्रवाई की कड़ी आलोचना की है। सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने जोर देकर कहा कि बातचीत के महत्‍व, सहिष्‍णुता और शांतिपूर्ण सहअस्तित्‍व के लिए सतत प्रयास किए जाने की जरूरत है। इस बयान में घृणा और अतिवाद की निंदा की गई है। सऊदी अरब ने कहा क‍ि सभी धर्मों और धर्मस्‍थलों के खिलाफ अपमान को रोका जाना चाहिए।

स्‍वीडन के कई शहरों में दक्षिणपंथियों के प्रदर्शन से ठीक पहले इसके विरोधियों और पुलिस के बीच मुठभेड़ हो गई। स्‍वीडन की प्रधानमंत्री मागडालेना एंडरसन ने इस हिंसा की कड़ी निंदा की है। पिछले कई दिनों में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच भारी हिंसा हुई है। इसमें कई लोग घायल हो गए हैं और वाहनों को जला दिया गया है।