अंतर्राष्ट्रीय

China के खिलाफ उसके ही दोस्त! बोले- Taiwan पर हमले का बुरा होगा अंजाम

Taiwan Gains Global Support: ताइवान को लेकर चीन लगातार आक्रामक रवैया अपनाया हुआ है। अगर चीन ने ताइवान पर हमला किया तो इसका अंजाम पूरी दुनिया भुगतेगी और सबसे ज्यादा असर ड्रैगन पर पड़ेगा। क्योंकि, ताइवान के साथ कई देशों ने अपना समर्थन दिया है। रूस और यूक्रेन जंग के चलते दुनिया बुरी तरह से महंगाई का मार झेल रही है। इसके बाद एक और जंग अब दुनिया नहीं देखना चाहती है। ताइवान के प्रति बढ़ते समर्थन के साथ ही आसियान देशों ने चीन (Taiwan Gains Global Support) से अधिकतम संयम बरतने की अपील की है, क्योंकि सैन्य टकराव का भयावह अंजाम हो सकता है। चीन की सोच गलत है कि वो ताइवान पर हमला करेगा तो कोई कुछ नहीं बोलेगा। इस बार ऐसा भी हो सकता है दुनिया (Taiwan Gains Global Support) चीन के खिलाफ हो जाए और ड्रैगन जंग के मैदान में अकेला खड़ा हो।

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पॉलिसी रिसर्च ग्रुप ने चीन व ताइवान के साथ पूरी दुनिया को चेताया है कि ताइवान-चीन जंग हुई तो इसके खतरनाक नतीजे आएंगे। दुनिया यूक्रेन जंग के बाद एक और जंग नहीं देखना चाहती है। यदि चीन ने ताइवान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की तो उसका बुरा अंजाम होगा। कई देशों ने ताइवान का समर्थन किया है, लेकिन वे यूक्रेन की तरह एक और जंग नहीं चाहते हैं। इसके साथ ही आसियान देशों ने ताइवान की खाड़ी में बढ़ते तनाव को लेकर आगाह करते हुए चिंता जताई है। रिपोर्ट के मुताबिक 27 देशों के संगठन आसियान की बैठक के बाद यह बात कही गई है। चीन भी आसियान का हिस्सा है, और इन देशों ने चीन से कहा कि जंग के अकल्पनीय अंजाम होंगे, इसलिए वह अधिकतम संयम बरते। रिपोर्ट के मुताबिक, आसियान की इस अप्रत्याशित प्रतिक्रिया ने चीन के विदेश मंत्री को बैठक से बाहर जाने को मजबूर कर दिया। यहां तक कि, दक्षिण कोरिया जो चीन को दोष देने से दूर रहता है, वो तक ताइवान में यथास्थिति को बलपूर्वक बदलने के किसी भी प्रयास पर आपत्ति जता रहा है।

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इधर यूरोप तो शुरू से ही चीन के खिलाफ है। अमेरिका नाटो और पश्चिमी देश लगातार चीन को काबू करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में अगर चीन ने ताइवान पर हमला किया तो यहां उसे कई देशों का अकेले सामना करना पड़ेगा। खासकर पूर्वी यूरोप संग कई देश अब चीन के साथ अफने संबंधों को सीमित करना चाह रहे हैं। ताइवान को चीन द्वारा सैन्य खतरों और बीजिंग और मॉस्को की बढ़ती दोस्ती के मद्देनजर एस्टोनिया और लातविया ने चीन के नेतृत्व वाले सहयोग मंच को छोड़ दिया। ग्रुप के अनुसार लातविया के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि उसने मध्य और पूर्वी यूरोपीय देशों और चीन के सहयोग संगठन में अपनी भागीदारी को समाप्त करने का फैसला किया है। इसके साथ लिथुआनिया ने भी पिछले साल चीन के नेतृत्व वाले समूह को छोड़ दिया था क्योंकि उसने लोकतांत्रिक ताइवान के साथ संबंधों को बढ़ावा देने की मांग की थी। साथ ही कई और यूरोपीय देश जिसमें स्लोवाकिया और चेक गणराज्य शामिल हैं जो चीन की चेतावनियों को अनदेखी करते हुए ताइवान के साथ अपने संबंधों को मजबूत कर रहे हैं।

आईएन ब्यूरो

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