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China-Taiwan: ताइपे की ताकत से चीन के उड़े होश,कहा तो यह बस ट्रेलर है

China s tension increased due to Taiwan s mountain tunnels changed military exercises

China-Taiwan: जंग सिर्फ हथियारों से नहीं दिमाग से लड़ी जाती है। जब एक ताकतवर देश अपने से कमजोर देश पर हमला करता है तो उस वक्त उस छोटे देश को अपनी ताकत नहीं सूझ-बूझ दिखाना चाहिए। इस वक्त कुछ ऐसा ही ताइवान ने दिखाया है जिसे देख शी जिनपिंग के होश उड़ गए हैं। ताइवान के पास चीन (China-Taiwan) से मुकाबला करने के लिए कम सैनिक, कम हथियार हैं लेकिन उसने जो दिमाग का इस्तेमाल किया है उसे देखकर हर कोई हौरान रह जाएगा। दरअसल, ताइवान ने अपनी भौगोलिक स्थिति को ही अपनी शक्ति बनाया है। चीन से मुकाबला करने के लिए ताइवान (China-Taiwan) की जमीन की सतह पर जितने सैनिक और हथियार नजर आते हैं उससे कहीं ज्यादा सैनिक और हथियार उसके पास जमीन के भीतर मौजूद हैं।

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ताइवान के पास जमीन के नाम पर ऊंचे उंचे पहाड़ों वाले द्वीप हैं। इसी का वो भरपूर फायदा उठा रहा है। चीन के पास आधुनिक घातक मिसाइलें हैं लेकिन वो हेलिकॉप्टर से युद्धाभ्यास करने के लिए मजबुर है। घातक फाइटर जेट्स से लौस चीन की वैयुसेना अब पैराशूट से जमीन पर उतरने की प्रैक्टिस कर रही है। युद्धपोत और फाइटर जेट्स से किसी भी देश को दहलाने की ताकत रखने वाले चीन के लिए आखिर हेलिकॉप्टर से सैनिकों को जमीन पर उतारने की प्रैक्टिस करने की क्या मजबूरी है? हेलिकॉप्टर से जमीन पर सैनिकों और वाहनों को पहुंचाने की ये वॉर ड्रिल असल में चीन की मजबूरी है। ड्रैगन की रेड आर्मी जानती है कि उसकी मिसाइलें उन बंकर्स को नहीं भेद सकती जहां युद्ध के दौरान ताइवान की सेना पोजीशन लेगी। PLA ये भी जानती है कि उसके फाइटर प्लेन सिर्फ ताइपे और कुछ शहरों में मौजूद ताइवान की आलीशान इमारतों को नष्ट करने के सिवा कुछ नहीं कर सकेगी। साथ ही चीन को ये भी अच्छे से पता है कि, उसकी एंफिबियन फोर्स को ताइवान की जमीन तक पहुंचना बेहद मुश्किल होगा।

ऐसे में चीन के पास यही ऑप्शन बचा है। चीनी सैनिक इस वक्त हेलिकॉप्टर के जरिए पैराशूट से उतरकर ताइवान के सीक्रेट ठिकानों पर स्पेशल ऑपरेशन चलाने का अभ्यास कर रही है। अगर चीन हमला करता है तो ताइवान की यही स्ट्रैटजी चीन के लिए भारी पड़ेगी। पहाड़ों में मौजूद बंकर्स की वजह से ताइवान को इसका पूरा फायदा मिल सकता है। पहाड़ के नीचे मौजूद सुरंग का एक बड़ा नेटवर्क, जिसमें कई मोड़ हैं, कई चौराहे हैं। शुरुआत देखकर ऐसा लगता है जैसे ये पहाड़ के नीचे मौजूद कोई गुफा हो लेकिन ऐसा नहीं है। ताइवान ने इसे पहाड़ को काटकर तैयार किया है। इसे बनाने में बरसों का वक्त लगा है।

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बंकर में कई सीक्रेट विंडो या वॉच सेंटर हैं जहां से गोली चलाने पर दुश्मन को एहसास ही नहीं होगा कि हमला किस तरफ से हो रहा है। स्नाइपर सटीक निशानेबाज भी इन वॉच में मौजूद सैनिकों को टारगेट नहीं कर सकते हैं। यहां हथियार रखने की जगह से लेकर लोगों के रहने तक का इंतजाम है। सैकड़ों सैनिक महीनों तक रह सकते हैं।