तालिबानियों ने अफगानिस्तान पर कब्जा तो कर लिया है लेकिन जनता वो हाल कर दिया है जिसके बारे में उन्होंने कभी सोचा नहीं होगा। तालिबानियों के आने के बाद से देश में भुखमरी बढ़ गई है। एक और तालिबान साफ-सुथरा दिखा रहा है कि सब कुछ अफगानिस्तान में सही है लेकिन इस वक्त आलम यह है कि अफगानियों की जिंदगी नर्क बन गई है, देश की आधी आबाधी भुखमरी की शिकार हो गई है, यहां तक की लोग पैसों के लिए अपने बच्चों को बेच दे रहे हैं।
अफगानिस्तान की स्थिति इतनी बिगड़ती जा रही है कि अब माता-पिता को अपने बच्चों को बेचने पर मजबूर होना पड़ रहा है। तालिबान के कब्जे के बाद से ही युद्धग्रस्त मुल्क की स्थिति खराब होती जा रही है, क्योंकि अर्थव्यवस्था को चलाने वाली विदेशी मदद अब बंद हो चुकी है। मीडिया में आ रही खबरों की माने तो, हेरात के एक गांव में एक मां ने अपनी नवजात बेटी को 500 डॉलर में बेच दिया, ताकि वह अपने अन्य बच्चों को खाना खिला सके। इसे खरीदने वाले व्यक्ति ने कहा कि वह बच्ची को पालकर बड़ी करना चाहता है, ताकि अपने बेटे से शादी करवा सके, लेकिन उसके असल इरादों की कोई गारंटी नहीं है।
नवजात बच्ची को खरीदने वाले व्यक्ति ने अभी 250 डॉलर का भुगतान किया है, ताकि बच्ची का परिवार कुछ महीनों तक खाना खा सके। वहीं, जैसे ही बच्ची चलने लगेगी वह उसे ले जाएगा और बाकी के 250 डॉलर का भुगतान कर देगा। बच्ची को बेचने वाली मां का कहना है कि उसके बच्चे भूख की वजह से तड़प रहे हैं, जिसके कारण उसे ऐसा कदम उठाना पड़ा। अफगानिस्तान की 40 फीसदी जीडीपी विदेशी मदद पर आधारित है। ऐसा तब था, जब पिछली सरकार को पश्चिमी मुल्कों का समर्थन मिला हुआ था।