पाकिस्तान और तालिबान के बीच इस वक्त स्थिति युद्ध जैसी हो गई है। आज से आठ महीने पहले दोनों इतने अच्छे दोस्त थे कि, तालिबान को अफगानिस्तान में कब्जा करने के लिए पाकिस्तान ने ही सबसे ज्यादा मदद की। साथ ही तालिबान सरकार की गठन के दौरान भी पाकिस्तान की आईसआई का हाथ रहा। इस दौरान आईएसआई चीफ वहां पर मौजूद थे। यहां तक कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को तो जब भी मौका मिला विश्व मंच पर गला फाड़ कर चिल्लाए कि दुनिया अपना समर्थन दे। लेकिन, यही तालिबान अब पाकिस्तान के लिए नासूर बन बैठा है। हालांकि, इसमें सबसे ज्यादा गलती पाकिस्तान की है। क्योंकि, पाकिस्तान यहां भी अपना फायदा देख रही थी और डूरंड लाईन पर बाढ़ लगा रही थी। जिसके बाद से विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों में दुश्मनी का माहौल पौदा हो गया। अब तालिबान ने पाकिस्तान सेना की चौकी पर रातभार गोलियां बरसाईं हैं जिसमें कई सैनिकों की मौत हो गई है।
पाक सेना ने शनिवार को जानकारी दी है कि अफगानिस्तान की ओर से रातभर उसके चौकियों पर फायरिंग की गई। जिसमें, 3 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत हो गई है। पाकिस्तानी सेना ने अपने बयान में कहा है कि, अफगानिस्तान की सीमा से लगे पाकिस्तान के उत्तरी वजीरिस्तान स्थित देवागर क्षेत्र में सेना की चौकी पर आतंकियों ने सीमा पार से गोलाबारी की। हालांकि पाक सेना ने भी उनका जवाब दिया। पाकिस्तान ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और उम्मीद जताई है कि अफगान सरकार भविष्य में ऐसी गतिविधियां नहीं होने देगी।
इस हमले की अब तक किसी ने जिम्मेदारी नहीं ली है। लेकिन, यह एक बड़ी बात है कि बीते दो महीनों में इस क्षेत्र में ऐसे हमलों में काफी इजाफा देखने को मिली है। डॉन अखबार के मुताबिक, इस महीने की शुरुआत में उत्तरी वजीरिस्तान के दाताखेल तहसील में पाकिस्तान सेना के वाहन पर तालिबान ने घात लगाकर हमला किया था जिसमें 7 सैनिकों की मौत हो गई थी।
बता दें कि, अभी कुछ दिनों पहले ही पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में एयरस्ट्राइक किया था जिसमें, बच्चों और महिलाओं सहीत 40 लोगों की मौत हो गई थी। अब जब पाकिस्तान के ऊपर हमला हुआ है तो वो गला फाड़ने लगा है। इस हमले के बाद दोनों देशों के बीच हालात और भी बिगड़ गए हैं। अब तालिबान भी चुप बैठने वाला नहीं है। आने वाले दिनों में इस तरह के हमलों में और भी तेजी देखने को मिल सकती है।