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डूरंड लाइन तोड़ पाकिस्तान में घुसने को आमादा Taliban लड़ाके, खौफ में इमरान खान, ‘आतंक’ के खिलाफ मीटिंग-सैटिंग शुरू

Taliban बना Pakistan के लिए हाई टेंशन

जहां एक तरफ अफगानिस्तान में तालिबान से पाकिस्तन खुश है वहीं अब उसके लिए यह गले की हड्डी भी बनना शुरू हो गया है, पाकिस्तान से सटे चमन बॉर्डर और खैबर पख्तूनख्वा में तोरखम बॉर्डर पर तालिबान ने आकर नारे लगाने शुरू कर दिए हैं। इसके साथ ही पाकिस्तान का डूरंड लाइन को लेकर लेकर भी तालिबान के साथ विवाद उभरने लगा है तालिबान इसके कुछ हिस्सो पर अपना अधिकार जमाने लगा है। वहीं, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने यह फरमान जारी किया है कि वो पाकिस्तानी संसद में आकर टीटीप के झंडे लगाएंगे जिसके बाद से इमरान खान की हवा सरकने लगी है और अब आतंकवाद से मकुाबले के लिए बैठक करने का दिखावा कर रहे हैं।

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बताते दें कि, पाकिस्तान से मिले समर्थन के बाद अफगानिस्तान में तालिबान और हक्कानी नेटवर्क ने मिलकर आंतरिक सरकार बना ली है। रक्षा मंत्री से लेकर गृह मंत्री तक, ज्यादातर बड़े पदों पर पाकिस्तान के पसंदीदा आतंकियों को आसीन किया गया है। ग्रे लिस्ट (FATF Grey List) से बाहर निकलने और वैश्विक स्तर पर प्रतिबंधों से बचने के लिए अब पाकिस्तान ने एक बार फिर पहले की तरह आतंकवाद के मुकाबले से जुड़ी बैठकें कर ढोंग करना शुरू कर दिया है।

खबर है कि, इमार खान ने देश में आतंकवाद और उग्रवाद का मुकाबला करने के लिए उठाए गए विभिन्न उपायों की समीक्ष को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की है। इसमें विदेश, रक्षा, वित्त, आंतरिक और सूचना मंत्रियों के अलावा थल सेनाध्यक्ष, खुफिया एजेंसी प्रमुख, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, प्रांतों के मुख्यमंत्रियों और अन्य वरिष्ठ सैन्य और असैन्य अधिकारियों ने भाग लिया।

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बैठक में काबुल पर तालिबान के नियंत्रण और पाकिस्तान के लिए इसके संभावित प्रभावों के मद्देनजर विशेष रूप से पड़ोसी अफगानिस्तान की स्थिति में नवीनतम घटनाओं पर चर्चा की गई। इसके साथ ही इस बैठक में राष्ट्रीय कार्य योजना के विभिन्न घटकों पर अब तक हुई प्रगति की समीक्षा की गई। इसके साथ ही समिति ने संशोधित राष्ट्रीय कार्य योजना के अल्पकालिक, मध्यम और दीर्घकालिक लक्ष्यों की समीक्षा की और संघ, प्रांतों और कानून-प्रवर्तन एजेंसियों सहित सभी हितधारकों की भूमिका और जिम्मेदारियों पर विचार-विमर्श किया।

असल में देखा जाए तो अब तालिबान ही पाकिस्तान के लिए खतरा बनने लगा है, इधर पाक-अफगान बॉर्डरों पर लग रहे नारों के साथ तहरीक-ए-तालिबान के चलते भी इमरान सरकार को चींता सताने लगी है। इसमें तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के हाल में बढ़े हमलों पर चर्चा करना भी था। जिसके आतंकी अफगानिस्तान में रह रहे हैं और तालिबान के आने के बाद से लगातार पाकिस्तान पर हमला कर रहे हैं।