तालिबान के सत्ता आने के बाद से उपप्रधानमंत्री मुल्ला बरादर गायब है। वहीं अफागानिस्तान के चीफ हैबतुल्लाह अखुंदजादा भी नजर नहीं आ रहे हैं। ऐसे में ये सवाल उठ रहा है कि क्या दोनों नेता मर चुके हैं। तालिबान के उन दो नेताओं के चारों ओर गोपनीयता का माहौल है कोई सही जानकारी नहीं दे रहा है। ऐसा कहा जाता है कि अफगानिस्तान में सरकार बनाने के लिए बातचीत के दौरान बरादर को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ, क्योंकि उसे पहले नई सरकार का मुखिया बनाने की बात थी। लेकिन बातचीत के बाद उसे डिप्टी प्रधानमंत्री बना दिया गया।
बताया गया कि हक्कानी नेटवर्क के साथ बरादर की झड़प हो गई। वहीं, इस बात की भी जानकारी सामने आई कि ISI चीफ जनरल फयाज अहमद ने बरादर के ऊपर हक्कानी को तरजीह दी। ISI ने पाकिस्तान समर्थन लोगों को सरकार में जगह दिलाई है। मुल्ला बरादर जहां कंधार में है, वहीं अभी तक हैबतुल्लाह अखुंदजादा के ठिकाने का कुछ पता नहीं चल पाया है। तालिबान ने बार-बार वादा किया है कि अखुंदजादेह जल्द ही सबके सामने आएंगे, लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हुआ है। काबुल पर कब्जा किए एक महीने से अधिक समय हो गया है।
एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अखुंदजादा की मौत हो गई है। वो पाकिस्तान में था जहां उसकी मौत हुई। हालांकि तालिबान अभी इससे इनाकर करता है। उसका कहना है कि हमारे चीफ सलामत हैं और सही वक्त आने पर वो दुनिया के सामने आएंगे।