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आखिरकार ये मंदिर क्यों है नरक का दरवाजा जहां पर जाने वाले कभी लौटकर वापस नहीं आते, जानिए इसके पीछे का रहस्य?

this temple known as door of hell

मंदिरों से रहस्य और उनसे जुड़ी कहानियों के बारे में तो आपने बहुत बार सुना और पढ़ा भी होगा। पर क्या कभी किसी ऐसे मंदिर के बारे में सुना है जिसे नरक का दरवाजा कहा जाता हो?  ऐसा ही एक मंदिर तुर्की में स्थित है। जिसको नरक का दरवाजा कहा जाता है। इतना नहीं कहा तो यह भी जाता है की यहां पर जाने वाला कभी वापस नहीं आता है। मगर कई खोजों में यहां होने वाली मौतों का रहस्य उजागर करने का दावा किया गया है।

दरअसल, दक्षिणी तुर्की के हीरापोलिस शहर में एक बेहद प्राचीन मंदिर है। इस मंदिर को नरक का दरवाजा नाम दिया गया है, क्योंकि पिछले कई सालों से यहां लगातार रहस्यमयी तरीके से लोगों की मौत हो रही है। इंसान ही नहीं इंसान ही नहीं बल्कि इस मंदिर के संपर्क में आने वाले पशु-पक्षी भी मौत के गाल में समा जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि उनकी मौत यूनानी देवता की जहरीली सांसों की वजह से हो रही है। इसी वजह से इस लोग इस मंदिर को नरक का दरवाजा कहने लगे हैं। यतक कि ग्रीक, रोमन काल में भी मंदिर के आसपास जाने वाले लोगों का सिर कलम कर दिया जाता था।

मौत के डर की वजह से ही उस समय भी लोग यहां जाने से डरते थे। वैज्ञानिकों की खोज के बाद यहां हो रही मौतों के पीछे की गुत्थी सुलझा ली गई। खोजकर्ताओं का कहना है कि इसके पीछे मंदिर के नीचे से लगातार रिसकर बाहर निकल रही कार्बन डाई ऑक्साइड गैस है। वहीं इस जगह को लेकर जर्मनी के डुइसबर्ग-एसेन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हार्डी पफांज ने बताया कि यहां हुए अध्ययन से यहां अत्यधिक मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड होने का पता चला है।

खोज के दौरान मालूम हुआ किया की इस प्लूटो मंदिर के नीचे बनी गुफा में कार्बन डाई ऑक्साइड बहुत बड़ी मात्रा में है. ये वहां 91 प्रतिशत तक मौजूद है। आश्चर्यजनक रूप से वहां से निकल रही भाप की वजह से ही वहां आने वाले कीड़े-मकोड़े और पशु-पक्षी मारे जाते हैं।