कश्मीर पर पाकिस्तान (Pakistan) का साथ देते हुए हमेशा ज़हर उगलने वाला तुर्किये के अब तेवर ढीले होते नज़र आ रहे हैं। पाकिस्तान का दोस्त देश तुर्किये अब भारत का गुणगान करते नहीं थक रहा है। पाकिस्तान (Pakistan) यह सब देख बोखला गया है। जी हां, दिल्ली आकर तुर्किये (पहले तुर्की) के राष्ट्रपति रेसेब तैयब एर्दोआन ने जो कहा वह पाकिस्तान को अच्छा नहीं लग रहा होगा। उन्होंने रविवार को कहा कि अगर भारत जैसा देश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) का स्थायी सदस्य बनता है तो उनके देश को ‘गर्व’ होगा। एर्दोआन ने आगे कहा कि सभी गैर-पी5 सदस्यों को बारी-बारी से सुरक्षा परिषद का सदस्य बनने का अवसर मिलना चाहिए।
वह एक मीडिया ब्रीफिंग में पत्रकारों के सवाल का जवाब दे रहे थे। पी5 या सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों (चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका) के लिए तुर्किये के राष्ट्रपति ने कहा, ‘दुनिया पांच से कहीं बड़ी है।’ उन्होंने कहा, ‘हमें गर्व होगा अगर भारत जैसा देश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बन जाए।’तुर्किये के राष्ट्रपति एर्दोआन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को लंबी बातचीत की। दोनों नेताओं ने व्यापार और इन्फ्रास्ट्रक्चर संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा की। जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन से इतर एर्दोआन से मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट लिखते हुए तस्वीरें भी शेयर कीं।
Met President @RTErdogan. We talked about ways to further cement trade and infrastructure linkages between India and Türkiye. @trpresidency pic.twitter.com/XFIanwKKb7
— Narendra Modi (@narendramodi) September 10, 2023
भारत बड़ा व्यापारिक साझेदार: एर्दोआन
एर्दोआन ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए दोनों देशों के बीच सहयोग की व्यापक संभावनाओं का लाभ उठाने का भरोसा जताया। उन्होंने कहा, ‘भारत दक्षिण एशिया में हमारा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और हम इस साल की शुरुआत में तुर्किये में हुए चुनाव के बाद मुख्य रूप से अर्थव्यवस्था और कई अन्य क्षेत्रों में सहयोग की बड़ी क्षमता का लाभ उठाने में सक्षम होंगे।’ इसके बाद ही उन्होंने तुर्किये के लिए गर्व की बात कहते हुए कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पांच स्थायी और 15 ‘अस्थायी’ सदस्यों को स्थायी सदस्य बनाए जाने के पक्ष में हैं। उन्होंने कहा, ‘उन 20 (5+15) को बारी-बारी से यूएनएससी का स्थायी सदस्य होना चाहिए। लेकिन जैसा कि आप जानते हैं, दुनिया पांच से बड़ी है। जब हम कहते हैं कि दुनिया पांच से बड़ी है तो हमारा मतलब यह है कि यह केवल अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, चीन और रूस के बारे में नहीं है।’